• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. कोरोना वायरस
  4. Oxygen For Covid19 Patient
Written By
Last Updated : गुरुवार, 29 अप्रैल 2021 (14:14 IST)

ऑक्‍सीजन लेवल हो रहा था कम, 1400 किमी दूर से दोस्‍त ने जो किया वो हमेशा याद रहेगा

ऑक्‍सीजन लेवल हो रहा था कम, 1400 किमी दूर से दोस्‍त ने जो किया वो हमेशा याद रहेगा - Oxygen For Covid19 Patient
दोस्‍तों की कहानियां तो बहुत सुनी होगी आपने लेकिन कोविड के दौर में दोस्‍ती की यह मिसाल हर कि‍सी को भावुक कर रही है। एक दोस्‍त ने जरुरत पड़ने पर अपने दोस्‍त के लिए जान की बाजी लगा दी। आपको बताते हैं बोकारो-नोएडा के दो दोस्‍त 'जय और वीरू' की कहानी के बारे में।

बोकारो में रहने वाले टीचर देवेंद्र और नोएडा में रहने वाले रंजन दोस्त हैं। दोस्ती ऐसी कि एक दूसरे के लिए कुछ भी करने को तैयार। देश में कोरोना ने जब कहर बरपा रखा है तो उसकी चपेट में नोएडा में रहने वाले रंजन भी आ गए। उनका ऑक्सिजन लेवल लगातार गिरता जा रहा था, लेकिन ऑक्सिजन की व्यवस्था नहीं हो पा रही थी। उधर डॉक्टरों ने साफ कह दिया था कि मरीज की जान बचाने के लिए ऑक्सिजन की व्यवस्था करनी पड़ सकती है।


आजकल इंटरनेट के जमाने में कोई बात कहां कहीं रुकती है। ऐसे में रंजन के दोस्त देवेंद्र तक ये खबर आ गई। नोएडा में तो ऑक्सिजन नहीं था, लेकिन बोकारो में रंजन के दोस्त देवेंद्र ने ऑक्सिजन का जुगाड़ कर लिया। लेकिन सिलेंडर का नोएडा पहुंचना जरुरी था। दोस्त की जान बचाने के लिए बोकारो से 1400 किलोमीटर का सफर कार तय कर देवेंद्र जिंदगी की सांसें ले आए।

दरअसल बोकारो में रहने वाले देवेंद्र को दोस्त की जान के खतरे में होने की बात पता चली तो वो ऑक्सिजन सिलेंडर की व्यवस्था में जुट गए। इस दौरान उन्‍होंने बोकारो में कई प्लांट और सप्लायर का दरवाजा खटखटाया। लेकिन बिना खाली सिलेंडर के कोई भी ऑक्सिजन देने को तैयार नहीं था।

इसके बाद भी देवेंद्र ने हिम्मत नहीं हारी और फिर उनकी कोशिश रंग ले आई। इसके बाद एक अन्य मित्र की मदद से बियाडा स्थित झारखंड इस्पात ऑक्सिजन प्लांट के संचालक से संपर्क कर उन्हें परेशानी बताई तो वह तैयार हो गया, लेकिन उसने ऑक्‍सीजन सिलेंडर की सिक्योरिटी मनी जमा करने की शर्त रखी। इसके बाद देवेंद्र ने जंबो सिलेंडर के लिए 10 हजार रुपये दिए, जिसमें 400 रुपये ऑक्‍सीजन की कीमत और 9600 रुपये सिलिंडर की सिक्योरिटी मनी थी।

ऑक्‍सीजन सिलेंडर मिलने के बाद देवेंद्र खुद रविवार सुबह अपनी कार से नोएडा के लिए निकल पड़े और करीब 24 घंटे में पहुंच गए। हालांकि इस दौरान राज्‍यों के बॉर्डर पर उनसे पुलिस ने पूछताछ भी की, लेकिन दोस्‍त की जान बचाने की बात ने उन्‍हें रुकने नहीं दिया। पुलिस को भी ये महसूस हुआ कि इस वक्त जय-वीरू यानि देवेंद्र-रंजन के बीच फासले जितनी तेजी से कम किए जा सकें उतना अच्छा।

आखिर में देवेंद्र वक्त रहते नोएडा पहुंच गए। फौरन ऑक्सिजन देवेंद्र को लगाया गया और उनका लेवल देखा जाने लगा। दोस्त के लाए ऑक्सिजन के लगते ही रंजन की हालत अब सुधरने लगी है।
ये भी पढ़ें
वैज्ञानिकों ने विकसित की ऑक्सीजन बनाने की किफायती तकनीक