कोरोना वैक्सीनेशन पर भारत का बड़ा बयान, अपनों से ज्यादा दुनिया का ध्यान रखा
संयुक्त राष्ट्र। भारत ने अपने लोगों को कोविड-19 का टीकाकरण करने की तुलना में वैश्विक स्तर पर कहीं अधिक टीकों की आपूर्ति की है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में यह कहा।
साथ ही, भारत ने आगाह किया कि टीके की उपलब्धता में असमनता कोरोना वायरस महामारी से निपटने के सामूहिक वैश्विक संकल्प को पूरा करने की कोशिशों को नाकाम कर देगी क्योंकि टीके तक पहुंच में विसंगति गरीब देशों को सर्वाधिक प्रभावित करेगी।
कोविड-19 टीकों तक न्यायसंगत वैश्विक पहुंच पर राजनीतिक घोषणापत्र की पहल करने वाले देशों में भारत भी शामिल है। इस पहल को संयुक्त राष्ट्र के 180 से अधिक देशों का समर्थन प्राप्त है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि एवं राजदूत के. नागराज नायडू ने शुक्रवार को महासभा की अनौपचारिक बैठक में कहा कोविड-19 महामारी अब भी जारी है, लेकिन वर्ष 2021 इस सकारात्मक संकल्प के साथ शुरू हुआ कि वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय महामारी को रोकने के लिए कई टीके उपलब्ध कराएगा।
नायडू ने कहा कि टीका ईजाद करने की चुनौती से निपट लिया गया है, हम अब कोविड-19 के टीक के की उपलब्धता, पहुंच, वहनीयता और वितरण को सुनिश्चित कर रहे हैं। वैश्विक सहयोग में अभाव और टीकों तक पहुंच में विसंगति सबसे गरीब देशों को सर्वाधिक प्रभावित करेगा। भारत महामारी के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे रहा है।
नायडू ने कहा कि भारत अगले छह महीनों में न सिर्फ अपने 30 करोड़ अग्रिम मोर्चे के कर्मियों का टीकाकरण करेगा, बल्कि 70 से अधिक देशों को टीके की आपूर्ति करने की प्रक्रिया में भी जुटा हुआ है। उन्होंने कहा कि अब तक हमने अपने लोगों को टीका लगाने की तुलना में वैश्विक स्तर पर इसकी कहीं अधिक आपूर्ति की है।
नायडू ने कहा कि स्वदेश विकसित कोवैक्सीन सहित भारत के दो टीकों आपात उपयोग की मंजूरी मिली हुई है और 30 अन्य टीके क्लीनिकल परीक्षण के विभिन्न चरणों में हैं।
कोवाक्स पहल को कोविड-19 के टीकों की आपूर्ति करने वाला भारत एक प्रमुख देश है। इसने पिछले महीने इसे टीके की 20 लाख खुराक उपलब्ध कराई। भारत ने संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के लिए टीके की दो लाख खुराक भी सहायता के तौर पर उपलब्ध कराने की घोषणा की है।
नायडू ने कहा कि शांति सैनिकों के लिए टीकों की खेप शनिवार तड़के मुंबई से भेजी गई है और यह जल्द ही डेनमार्क पहुंच जाएगी।
महासभा के 75 वें सत्र के अध्यक्ष वोल्कान बोजकीर ने बैठक में कहा कि विश्व इस महामारी से एक साथ उबर जाएगा, लेकिन यह टीकों तक निष्पक्ष एवं न्यायसंगत पहुंच पर निर्भर करता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि टीकाकरण में सर्वाधिक जोखिम का सामना कर रहे समूहों और हाशिये पर मौजूद लोगों को अवश्य ही प्राथमिकता दी जानी चाहिए। (भाषा)