लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों का हाल देख छलका तापसी पन्नू का दर्द, शेयर की मार्मिक कविता
बॉलीवुड एक्ट्रेस तापसीन पन्नू फिल्मों में अपने दमदार अभिनय के साथ-साथ हर मुद्दे पर अपनी बेबाक राय रखने के लिए भी जानी जाती हैं। हाल ही में उन्होंने प्रवासियों को लेकर एक वीडियो शेयर किया जो बेहद मार्मिक है। इस वीडियो मे लॉकडाउन के दौरान की कुछ मार्मिक तस्वीरें दिखाई दे रही हैं।
इस वीडियो के साथ तापसी बैकग्राउंड में एक कविता भी बोलती सुनाई दे रही हैं जिसका शीर्षक है, 'हम तो बस प्रवासी हैं क्या इस देश के वासी हैं?' वीडियो में लॉकडाउन के कारण परेशान हुए प्रवासियों की एनिमेशन के फॉर्म में वे तस्वीरें हैं। वीडियो में बच्चे को सूटकेस पर लटकाकर खींचती मां की बेबसी भी नज़र आ रही है, तो लोगों पर डंडे बरसाती पुलिस भी। वीडियो में नंगे पैर फासले तय करते मज़दूर भी दिखाई दे रहे हैं, तो पिता को साइकिल पर ले जाती बेटी भी।
A series of pictures that probably will never leave our mind.The lines that will echo in our head for a long time.This pandemic was worse than just a viral infection for India.हमारे दिल से , आपके दिल तक, उन हज़ारों दिलों के लिए जो शायद हम सब ने तोड़े हैं । #Pravaasi#CovidIndiapic.twitter.com/dB5yyYvEYB
तापसी 1 मिनट 42 सेकंड के इस वीडियो में कहती हैं, 'हम तो बस प्रवासी हैं, क्या इस देश के वासी हैं? अगर हम नहीं हैं इंसान तो मार दो हमें, भेजो फरमान। खाने को तो कुछ न मिल पाया, भूख लगी तो डंडा खाया। फासले तय किए हजारों मील के, कुछ साइकल पर कुछ पैर नंगे। मरे कई भूख से और कई धूप से, पर हिम्मत न टूटी बड़ों के झूठ से। बस से भेजकर रेल से भेजकर, जान खो बैठे रास्ते भूलकर। यहां प्रतिमाओं की बड़ी है हस्ती, पर इंसानों की जान है सस्ती। बड़े सपने अच्छे दिन बतलाए, पर भूख किसी की मिटा न पाए। चाहिए न भीख न दान, बस न छीनो आत्मसम्मान। हम तो बस प्रवासी हैं, क्या इस देश के वासी हैं?'
वीडियो को शेयर करते हुए तापसी ने कैप्शन दिया, 'तस्वीरों की सीरीज जो शायद हमारे दिमाग से कभी नहीं हटेगी। लाइनें लंबे समय तक हमारे सिर में इको करेंगी। यह महामारी भारत के लिए वायरल इंफेक्शन से ज्यादा बुरी थी। हमारे दिल से, आपके दिल तक, उन हजारों दिलों के लिए जो शायद हम सबने तोड़े हैं।'