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Last Modified: गुरुवार, 22 अक्टूबर 2020 (16:44 IST)

केबीसी 12 : कर्मवीर एपिसोड़ में फूलबसन यादव के साथ पहुंचीं रेणुका शहाणे बोलीं- शिक्षित होने के बावजूद मेरे मन में कभी समाज के लिए...

केबीसी 12 : कर्मवीर एपिसोड़ में फूलबसन यादव के साथ पहुंचीं रेणुका शहाणे बोलीं- शिक्षित होने के बावजूद मेरे मन में कभी समाज के लिए... - kaun banega crorepati 12 karmaveer episod phoolbasan yadav renuka shahane
जब महिलाएं एक दूसरे का साथ देती हैं, तो अद्भुत चीजें होती हैं। 'कौन बनेगा करोड़पति 12' की इस हफ्ते की कर्मवीर, छत्तीसगढ़ की फूलबसन यादव भी अपनी संस्था मां बम्लेश्वरी जनहित करे समिति के जरिए अपने उत्कृष्ट कार्यों के साथ एक सही मिसाल पेश कर रही हैं। इस हफ्ते हॉट सीट पर उनके साथ होंगी अभिनेत्री रेणुका शहाणे।

 
50 वर्ष की फूलबसन यादव भारत में छत्तीसगढ़ की आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़ी महिलाओं के विकास के लिए अथक प्रयास कर रही हैं। पहले आत्मनिर्भर बनने के लिए उनका गरीबी से संघर्ष और फिर दूसरों को सशक्त बनाने में उनका योगदान, अनेक लोगों के लिए एक प्रेरणा है। उनका मिशन है कि वे महिलाओं को पुरुषों का वर्चस्व तोड़ते हुए देखें। 
 
अपने स्वयंसेवी समूहों के जरिए वे रोजगार के अवसर पैदा करके न सिर्फ महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बना रही हैं बल्कि स्वच्छता, स्वास्थ्य और जलापूर्ति जैसी गांव की जरूरतों का भी ख्याल रख रही हैं। साथ ही वे बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता भी फैला रही हैं। इसके अलावा उन्होंने गांव में व्यसन मुक्ति अभियान चलाने के लिए एक ‘महिला फौज’ भी तैयार की है, ताकि वो घरेलू हिंसा के मामलों पर लगाम लगा सकें।
 
जब अमिताभ बच्चन ने फूलबसन यादव का स्वागत किया तो उन्होंने कहा, सबसे पहले तो मैं सभी का शुक्रिया अदा करना चाहती हूं। यहां इस मंच पर आकर ऐसा लगता है, जैसे मेरा सपना सच हो गया और मैं इस अवसर के लिए सोनी चैनल को धन्यवाद देना चाहूंगी। कहते हैं कि यदि आप में लगन और दृढ़ इच्छाशक्ति हो, तो आप कुछ भी हासिल कर सकते हैं। 
 
उन्होंने कहा, मैं अपने गुरुदेव को धन्यवाद देना चाहूंगी जिनकी वजह से आज मैं यहां हूं। मैं मां बम्लेश्वरी समिति की अपनी 2 लाख महिलाओं की टीम और छत्तीसगढ़ के हर घर को धन्यवाद देना चाहूंगी। गांव की मिट्टी फेंकने वाली और गोबर उठाने वाली महिला, बोलना तो नहीं आता, लेकिन कर्म करना आता है।  महिलाओं को कैसे जिंदगी जीनी चाहिए, वो आता है। पहले गैया, बकरी चराते थे... अब महिलाओं को चराते हैं, जिंदगी जीने के लिए।
 
अमिताभ बच्चन ने जब उनसे जानना चाहा कि वो आर्थिक लेनदेन में हिसाब-किताब की बारीकियां कैसे समझ पाती हैं और इतना बड़ा संस्थान कैसे चलाती हैं, तब फूलबसन ने जवाब दिया, जब आप अकेले रहते हैं, तो ये चीजें कभी आपके दिमाग में नहीं आतीं। उदाहरण के लिए, यदि आप किसी कुत्ते या बिल्ली को पत्थर मारेंगे तो वो भाग जाएंगे। लेकिन कभी मधुमक्खी के छत्ते पर पत्थर मारकर देखिए। मधुमक्खियां आप पर हमला कर देंगी। यह संगठन की शक्ति है।
 
उन्होंने बड़ी सादगी से यह बात समझाई कि जब आप अकेले होते हैं, तब आपमें घबराहट होती है, लेकिन साथ मिलकर आप एक सामूहिक शक्ति बन जाते हैं, जिसे कोई रोक नहीं सकता। फूलबसन के नजरिए और उनकी इच्छाशक्ति से प्रभावित होकर अमिताभ बच्चन और रेणुका शहाणे, दोनों ने ही उनकी हौसला अफजाई की और उनकी जीत को सेलिब्रेट भी किया।
 
हॉट सीट पर फूलबसन यादव का साथ दे रहीं रेणुका शहाणे ने कहा, उनकी (फूलबसन की) कहानी सुनकर मैंने महसूस किया कि मैं शिक्षित जरूर हूं, पर मुझे बुरा लगता है क्योंकि शिक्षित होने के बावजूद मेरे मन में कभी समाज के लिए ऐसी चीजें करने का ख्याल नहीं आया, जिस तरह उन्होंने पूरी हिम्मत के साथ यह किया है। शायद इस शो के बाद मैं ऐसा कुछ करना चाहूंगी। आज दो लाख महिलाएं आपके साथ जुड़ी हुई हैं और अब से दो लाख एक... मुझे भी जोड़ दीजिए उसमें।
 
आने वाले एपिसोड में दर्शक पद्मश्री सम्मान से सम्मानित 50 वर्षीय फूलबसन यादव की मेहनत के बारे में जानेंगे, जो पिछले 19 वर्षों से छत्तीसगढ़ की आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़ी महिलाओं के विकास के लिए उम्मीद की किरण बनी हुई हैं। 
 
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