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Last Modified: बुधवार, 9 फ़रवरी 2022 (12:57 IST)

अदिति गुप्ता ने शो 'धड़कन जिंदगी की' की कहानी पर जाहिर की अपनी राय

अदिति गुप्ता ने शो 'धड़कन जिंदगी की' की कहानी पर जाहिर की अपनी राय - dhadkan zindaggi kii actress additi gupta share her views on the show
सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन का शो 'धड़कन जिंदगी की' अपनी विचारोत्तेजक कहानी और अपने-से लगने वाले किरदारों के साथ दर्शकों में उत्सुकता जगा रहा है। जहां यह शो अपनी शुरुआत से कार्यस्थल पर लैंगिक भेदभाव जैसे समाज के रूढ़िवादी नजरिए को चुनौती देता है, वहीं यह एक महत्वपूर्ण विषय पर भी रोशनी डालता है, जहां महिलाएं महिलाओं का साथ देती हैं। 

 
भारत के डेली सोप्स में इस तरह का नज़रिया ज्यादातर नदारद रहता है। आने वाले ट्रैक में एक ही क्षेत्र की महिलाओं को मुश्किल वक्त में साथ मिलकर एक दूसरे की मदद करते देखेंगे। जहां दीपिका (अदिति गुप्ता) गॉसिप की शिकार हो जाती हैं, वहीं दर्शक देखेंगे कि डॉ. सिया और जूनियर रेसिडेंट डॉ. चक्रवर्ती उसका साथ देने आगे आती हैं।
 
इस बारे में अपने विचार बताते हुए अदिति गुप्ता इस बात पर जोर देती हैं कि ऐसी कहानियां भारतीय दर्शकों के लिए बेहद जरूरी हैं। अदिति कहती हैं, जब महिलाएं एक दूसरे का साथ देती हैं, तो इसमें आश्चर्य नहीं जताया जाना चाहिए, लेकिन ऐसा किया जाता है और हमें इसे बदलने की जरूरत है। 
 
भारतीय टेलीविजन का मूल मकसद हमेशा यही रहा है कि इसमें महिलाओं को या तो वैम्प दिखाया जाता है या फिर पीड़ित, जो कि आज के समय में सही नहीं है। हमें ऐसी कहानियां नहीं चाहिए, जिसमें महिलाएं ही महिलाओं को नीचे खींचती हों, बल्कि हमें ऐसे शो चाहिए जहां वे एक दूसरे को आगे बढ़ाती हों। इन दिनों महिलाओं के बीच दोस्ती का ट्रेंड है और जैसा कि आप सभी जानते हैं कॉन्टेंट इज़ किंग या इस मामले में कहें तो कॉन्टेंट इज़ क्वीन।
 
अदिति ने कहा, दर्शक अब धीरे-धीरे प्रेरणादायक और सार्थक कहानियों की तरफ बढ़ रहे हैं। मुझे लगता है कि एक शो के रूप में 'धड़कन ज़िंदगी की' बहुत-से लोगों का नजरिया बदल रहा है और मुझे खुशी है कि मैं ऐसे प्रगतिशील शो का हिस्सा हूं। मुझे इस शो के लेखकों और इसके क्रिएटर्स पर गर्व है, इसलिए नहीं कि वो दायरे से बाहर जाकर सोच रहे हैं बल्कि अपने दायरे में ही कुछ अलग सोच रहे हैं। महिलाओं द्वारा महिलाओं का साथ दिए जाने को सामान्य तौर पर देखा जाना चाहिए ना कि इसे कोई क्रांतिकारी कॉन्सेप्ट समझा जाना चाहिए।
 
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