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Written By समय ताम्रकर

सिने मेल

Cine Mail | सिने मेल
WD
प्रिय पाठको,
वेबदुनिया के बॉलीवुड के सेक्शन में नित नई, मनोरंजक, आकर्षक, दिलचस्प और चटपटी सचित्र जानकारियाँ देने की हमारी कोशिश रहती है। इन्हें पढ़कर आपको कैसा लगता है, हम जानना चाहते हैं।

आपकी बॉलीवुड संबंधी प्रतिक्रिया और सुझाव हम ‘सिने-मेल’ में प्रकाशित करेंगे। हमें इंतजार है आपके ई-मेल का।



’वादा रहा’ की कहानी मुझे बहुत इमोशनल लगी। इसकी कहानी ने मेरा दिल छू लिया।
- विनय (virender_31380@rediffmail.com)

मुझे अक्षय कुमार की सारी फिल्में बहुत अच्छी लगती है। मैं उनका बहुत बड़ा प्रशंसक हूँ।
- नितिन त्यागी (nitintyagi12@yahoo.com)
- अभिषेक तिवारी (abhishektiwari11@webdunia.co.in)
- संजय (sanju_rasm@yahoo.co.in)

गीत-गंगा ‘चली गोरी पी से मिलन को चली...’ पढ़कर पुराने दिन याद आ गए। अजातशत्रु ने बहुत ही उम्दा लिखा है।
- कुमार (spak1310@hotmail.com)

मैं और मेरा पूरा परिवार देओल परिवार का दीवाना है। हम सबका एक ही सपना है कि देओल परिवार हमारे घर भोजन करने के लिए आए। क्या यह सपना पूरा होगा?
- पंकज कचौलिया (जयपुर) (pankajkacholia@hotmail.com)

मुझे लगता है कि ‘सच का सामना’ में प्रतियोगी के चुनाव में काफी भेदभाव बरता जाता है। मेट्रो शहर में रहने वालों और महिलाओं में ज्यादा दिलचस्पी ली जाती है।
- हरिशंकर राय (raiharishankar@yahoo.com)

‘अज्ञात’ देखकर लगता है कि रामगोपाल वर्मा को फिल्म बनाना नहीं आता है। लोग उनकी फिल्म को बुरा बता रहे हैं तो वे लोगों को गलत साबित करने में लगे हैं। पता नहीं और कितनी बुरी फिल्में वे बनाएँगे।
- सोमेश (sokura@rediffmail.com)

मैं कैटरीना कैफ और शाहरुख खान की जोड़ी वाली फिल्म देखना चाहती हूँ। मुझे लगता है कि लोगों को यह जोड़ी अच्छी लगेगी और फिल्म भी हिट होगी।
- सीमा (seema_aharma@yahoo.com)

मुझे समझ में नहीं आता कि मीडिया वाले राखी की खबरों को क्यों प्रमुखता देते हैं। देश की समस्याओं की ओर भी ध्यान देना चाहिए।
- अनूप पांडे (anoop_24883@yahoo.com)

बॉलीवुड की ज्यादातर फिल्में घटिया होती है। ये फिल्में हॉलीवुड की‍ फिल्मों तुलना में कुछ भी नहीं है।
- शांक (shalaka_shank@yahoo.co.in)

गीत-गंगा ‘युमना के तीर सखी कान्हा रचाए है रास...’ पढ़कर मजा आ गया।
- पूनम जुल्का (fopj@apeda.com)