बिहार चुनाव, 'झोपड़ी' में एकजुट हो रहे हैं भाजपा के बागी
पटना। बिहार में हो रहे विधानसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे के बाद उम्मीदवारी की दावेदारी समाप्त होने से निराश भाजपा के बागियों का नया ठिकाना लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) बन गई है।
बिहार भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और कद्दावर नेता राजेंद्रसिंह के बाद एक और उपाध्यक्ष रहीं डॉ. उषा विद्यार्थी ने भी बुधवार को लोजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। डॉ. विद्यार्थी अब पटना जिले के पालीगंज विधानसभा क्षेत्र से लोजपा की प्रत्याशी होंगी।
इसी तरह रोहतास जिले का नोखा विधानसभा क्षेत्र भी जदयू के हिस्से में चला गया है। ऐसे में वहां के चार बार विधायक और उत्तर प्रदेश भाजपा के सह-प्रभारी रहे रामेश्वर चौरसिया भी अब बागी हो गए हैं। उन्हें भी लोजपा अपनी 'झोपड़ी' में शरण देना चाहती है, हालांकि अभी चौरसिया ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया है।
चौरसिया ने कहा कि वर्ष 2000 से लेकर 2010 के विधानसभा चुनाव तक वह लगातार नोखा से जीतते रहे। वर्ष 2015 के चुनाव में वह सिर्फ इसलिए हार गए कि परिसीमन के कारण उनके क्षेत्र का कुछ हिस्सा सासाराम में चला गया था, लेकिन उसके बावजूद वह अपने क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहे।
उन्होंने कहा कि सासाराम और नोखा विधानसभा क्षेत्र में उनकी लोकप्रियता अभी के किसी भी अन्य नेता से अधिक है। उल्लेखनीय है कि झोपड़ी लोजपा का चुनाव चिह्न है। (वार्ता)