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Last Modified: शुक्रवार, 31 मार्च 2017 (11:38 IST)

ज्योतिषियों से क्यों ख़फ़ा है चुनाव आयोग?

ज्योतिषियों से क्यों ख़फ़ा है चुनाव आयोग? - election commission
भारत के चुनाव आयोग ने कहा है कि चुनाव परिणामों को लेकर ज्योतिषियों, टैरो कार्ड रीडर, राजनीतिक विश्लेषकों और अन्य की भविष्यवाणियों या अनुमानों को प्रकाशित और प्रसारित नहीं किया जाना चाहिए। आयोग ने कहा है कि ऐसा करने वाले मीडिया संस्थानों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जा सकती है।
 
आयोग ने मीडिया से निषिद्ध अवधि के दौरान चुनाव परिणामों को लेकर ज्योतिषियों, टैरो कार्ड रीडर, राजनीतिक विश्लेषकों तथा अन्य की भविष्यवाणी या अनुमानों  को प्रकाशित और प्रसारित करने से परहेज करने निर्देश फिर से जारी करते हुए कहा है कि यह जनप्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन माना जाएगा। आयोग की ओर से गुरुवार को जारी ताज़ा निर्देश में कहा गया है कि इस तरह की भविष्यवाणी या अनुमान जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 126 ए की भावना के ख़िलाफ़ है।
 
आयोग ने कहा है कि हाल में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के दौरान 4 फरवरी से 9 मार्च की शाम साढे पांच बजे तक ऐसे कार्यक्रमों के प्रकाशन और प्रसारण पर रोक सम्बन्धी उसकी ओर से जारी अधिसूचना और उपर्युक्त कानून के प्रावधानों के बावजूद कुछ टेलीविजन चैनलों ने ऐसे कार्यक्रम प्रसारित किए, जिनमें राजनीतिक दलों को मिलने वाली सीटों का अनुमान व्यक्त किया गया।
 
आयोग ने कहा है कि सिर्फ व्यावसायिक कारणों से प्रतिद्वंद्वी चैनलों से आगे निकलने के लिए इस तरह का प्रसारण उचित नहीं है, इसलिए स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए भविष्य में सभी तरह की मीडिया को इस तरह के कार्यक्रम को प्रकाशित एवं प्रसारित न करने की सलाह दी जाती है।
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