मुत्तहिदा क़ौमी मूवमेंट के संस्थापक अल्ताफ़ हुसैन ब्रिटेन में गिरफ़्तार
पाकिस्तान की पार्टी मुत्तहिदा क़ौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के संस्थापक अल्ताफ़ हुसैन को मंगलवार को ब्रिटेन में गिरफ़्तार कर लिया गया। स्कॉटलैंड यार्ड की एक छापेमारी में उन्हें गिरफ़्तार किया गया। उनकी गिरफ़्तारी की पुष्टि लंदन की मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने की है।
अल्ताफ़ हुसैन की गिरफ़्तारी नफ़रत फैलाने वाले भाषण के मामले में की गई है, जिसमें उन्होंने लोगों को "क़ानून को अपने हाथों में लेने" की बात कही थी।
22 अगस्त 2016 को अल्ताफ़ पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप था। आरोप है कि इसके बाद उनके कार्यकर्ताओं ने कराची में एक मीडिया कार्यलाय में तोड़फोड़ की और पाकिस्तान विरोध में नारे लगाए थे। उन्हें उत्तर पश्चिम लंदन में गिरफ़्तार किया गया है। लंदन की पुलिस इस मामले में पाकिस्तान पुलिस से संपर्क में थी।
कौन हैं अल्ताफ़ हुसैन
हुसैन लंदन में निर्वासित जीवन बिता रहे हैं। 1992 से ही वे लंदन से अपनी पार्टी का संचालन कर रहे हैं। उनका कहना है कि पाकिस्तान लौटने पर उनकी जिंदगी को ख़तरा हो सकता है। उनका पाकिस्तान में ऐसा असर है कि लंदन में बैठे हुए कराची की बड़ी-बड़ी रैलियों को लाउडस्पीकर से जुड़े टेलीफ़ोन कॉन्फ्रेंस के ज़रिए संबोधित करते रहे हैं।
कभी-कभी तो ये संबोधन चार घंटे से भी लंबा होता था। एमक्यूएम में सबसे ज़्यादा संख्या मोहाजिरों की है। मोहाजिर उन उर्दू-भाषी मुसलमान को पुकारा जाता है, जो विभाजन के समय साल 1947 में भारत से पाकिस्तान आकर बस गए थे।
इंटरनेट पर उनके चाहने वाले उन्हें मध्यम वर्ग और दबे-कुचलों के अधिकारों के लिए सामंतवाद के ख़िलाफ़ लड़ने वाला एक निडर और अथक ऊर्जा से भरा योद्धा पुकारते हैं। तो ऑनलाइन आलोचकों का उन पर ये आरोप है कि वे एक ऐसा चरमपंथी संगठन चलाते हैं जो कराची में हाल के वर्षों में हुए अधिकतर हिंसा और अपराधों के लिए ज़िम्मेदार है।
लंदन में पिछले कई सालों से एमक्यूएम जांच सगंठनों के घेरे में है। कई कथित अपराधों सहित हवाला के आरोप में जून 2014 में भी उनकी गिरफ़्तारी की गई थी।