क्या नरेन्द्र मोदी ने सुन ली कवि कुमार विश्वास की बात...
अयोध्या में बुधवार को राम मंदिर के लिए ऐतिहासिक भूमिपूजन के बाद मंच से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जय श्रीराम के उद्घोष के स्थान पर जय सियाराम और सियावर रामचंद्र की जय का उद्घोष किया। हालांकि इसमें चौंकाने वाला कुछ भी नहीं है, लेकिन राम मंदिर समर्थक ज्यादातर जय श्रीराम का ही नारा लगाते हैं।
दरअसल, यह बात इसलिए भी सुर्खियों में है क्योंकि हाल ही में कवि डॉ. कुमार विश्वास ने एक कार्यक्रम में कहा था- यदि प्रधानमंत्रीजी, योगीजी, चंपत रायजी, अवनीश अवस्थी जी यह कार्यक्रम देख रहे हों तो मेरी यानी एक सामान्य हिन्दू की भावना जरूर स्वीकार करें। इस बार अयोध्या में जब राम का विग्रह खड़ा हो तो उनके पार्श्व में माता सीता को भी जरूर खड़ा करें। माता सीता के बिना राम अधूरे लगते हैं।
उन्होंने कहा कि यह देश की आधी आबादी की मांग है। माता-बहनों की मांग है। कुमार ने कहा कि माता सीता दो बार अयोध्या आई थीं एक बार जनकपुर से और दूसरी बार लंका से। उन्होंने कहा कि एक बार माता सीता को आंतरिक षड्यंत्र के कारण अयोध्या से बाहर जाना पड़ा था, जबकि दूसरी बार बाहरी साजिश के कारण।
अब इसे संयोग कहें या कुमार विश्वास का आग्रह, मगर जब अयोध्या में बुधवार को मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत की तो उन्होंने सबसे पहले कहा आप सभी प्रभु राम और माता जानकी का स्मरण कर लें। इसके साथ ही उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत ‘सियावर रामचंद्र की जय’ के उद्घोष से की। मोदीजी ने संबोधन के अंत में भी ‘सियापति रामचंद्र’ का जयकारा लगाया।