कविता : सब मिलकर मतदान करें
राकेश श्रीवास्तव 'नाजुक' | मंगलवार,अप्रैल 16,2019
लोकतंत्र की लाज बचाने, वालों की पहचान करें। घर से निकलें बाहर आएं सब मिलकर मतदान करें।
गीत : हम कलमकार हैं नया सवेरा लाएंगे...
राकेश श्रीवास्तव 'नाजुक' | मंगलवार,जनवरी 15,2019
चोर कहे कि साधु लिख दो, कहे नालायक, लायक लिख दो। हजम किया जो जनता का धन, कहता नेक विधायक लिख दो।
प्रेम गीत : मन का संगीत...
राकेश श्रीवास्तव 'नाजुक' | बुधवार,अक्टूबर 11,2017
मन का संगीत मिटने न देना कभी, वरना जीवन का पहिया उलझ जाएगा। प्यार के आचमन का मुहूरत नहीं, जब भी जी चाहे अपना बना लीजिए।
सन्देश गीत : बात इतनी सी
राकेश श्रीवास्तव 'नाजुक' | गुरुवार,अगस्त 17,2017
बात इतनी सी है ये समझ लीजिए,
हम सभी एक शक्ति की संतान हैं।
धर्म-जाति से उठकर जरा देखिए,
सबसे पहले सभी एक इंसान
प्रेम गीत : प्यार का मर्म...
राकेश श्रीवास्तव 'नाजुक' | गुरुवार,जून 29,2017
प्यार का मर्म मालूम होता अगर,
दिल हमारा कभी तुम दुखाते नहीं। नाम जबसे तुम्हारा लिया है प्रिये, चम्पई-चम्पई तन हमारा ...
अजन्मी बेटी की मार्मिक कविता : मुझको भी दिखला दो पापा
राकेश श्रीवास्तव 'नाजुक' | शुक्रवार,मई 19,2017
मुझको भी दिखला दो पापा, दुनिया कितनी प्यारी है। मां का दर्द सहा नहीं जाए, वो अबला बेचारी है। भैया के आने पर सबने, खूब ...
प्रेमगीत : ये इशारे कहें प्यार हो ही गया...
राकेश श्रीवास्तव 'नाजुक' | शनिवार,अप्रैल 8,2017
तेरी पलकें झुकी देखते ही मुझे, मैंने माना कि इजहार हो ही गया। होठ तेरे गुलाबी गुलाबी हुए, ये इशारे कहें प्यार हो ही ...