यात्रा संस्मरण : गंगा कहे पुकार के (हर की पौड़ी)
अंजू निगम | शुक्रवार,जनवरी 27,2023
पति की पोस्टिंग देहरादून हो गई थी दूसरी बार। देहरादून की वादियां तो सम्मोहित कर ही रही थीं। रह-रहकर गंगा की लहरें भी ...
यात्रा वृत्तांत : उदयपुर का वैभवशाली, शौर्य से भरा इतिहास
अंजू निगम | सोमवार,जुलाई 4,2022
म्हारा राजस्थान। नाम सुनते ही अभूतपूर्व, वैभवशाली इतिहास के कई सुनहरे पन्नों से स्वत: ही साक्षात्कार होता है। साकार हो ...
रूस को यूक्रेन की चुनौती उसकी देशभक्ति और असीम मनोबल की कहानी बयां करती है
अंजू निगम | गुरुवार,अप्रैल 7,2022
अगर ताकत और कद की बात करे तो दोनों राष्टों के बीच कोई मेल नहीं और यह समझा भी जा रहा था कि रुस यूक्रेन को चींटी की तरह ...
पुस्तक समीक्षा : अद्धभुत प्रेम गाथा का बेहतरीन उपन्यास 'रेवा में बहते मयूर पंख'
अंजू निगम | गुरुवार,दिसंबर 10,2020
हतरीन लेखिका निधि जैन की 'रेवा में बहते मयूर पंख' सशक्त हस्ताक्षर है अद्धभुत प्रेम गाथा का। यह कहानी है कल-कल बहती रेवा ...
सत्ता पर महिलाओं की सहभागिता
अंजू निगम | सोमवार,अप्रैल 6,2020
क्या सत्ता में महिलाओं की सहभागिता की वही स्थिति हैं जो बीस साल पहले हुआ करती थी? इस प्रश्न पर अक्सर आंकड़ों के आकलन ...
लघुकथा : मंथन
अंजू निगम | शुक्रवार,मार्च 13,2020
कृति ने खाने का डिब्बा खोला ही था कि मोबॉइल घनघना उठा। स्क्रीन में जो नाम चमका उसे देख कृति का मन कसैला हो उठा। मन ...
करवा चौथ संस्मरण : जब सताया चंद्रमा ने
अंजू निगम | गुरुवार,अक्टूबर 17,2019
बात उन दिनों की हैं जब मेरे पतिदेव की पोस्टिंग देहरादून में थी। अक्सर होता कि करवा चौथ वाले दिन आसमान बादलों से ढंका ...
लघुकथा : अश्क भिगोते रहे
अंजू निगम | शुक्रवार,अगस्त 2,2019
बिटिया, दामादजी कार लाए हैं क्या? पापा की आंखों में मुझे देख आशा के जो दीये जल उठते थे, उसे देख मुझे खौफ होता था।
नई कहानी : सुनयना
अंजू निगम | शनिवार,मार्च 3,2018
सुनयना और देवांश बचपन के साथी थे। हर बात के साथी। खेलना-खाना, रूठना-मनाना, मान-मनुहार सबका साथ। बचपन का खिलंदड़ापन कब ...
मिजोरम की लोककथा : वे आज भी चूहे के अहसानमंद हैं
अंजू निगम | सोमवार,सितम्बर 11,2017
पुराने जमाने मे मिजो जनजातियां भोजन के लिए मक्का, ज्वार-बाजरा, फल-फूल, साग-सब्जियों एवं विभिन्न पशु-पक्षियों के मांस का ...