विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi 2022) व्रत के दिन गणपति जी को दूर्वा, पुष्प, चंदन, अक्षत, गंध, धूप और दीप आदि अर्पित करके उनके मंत्रों का जाप करने से श्री गणेश विशेष कृपा की प्राप्त होती है। चतुर्थी के दिन पूजन के खास समयावधि में यदि आप नीचे दिए गए विशेष मंत्रों का जाप करते हैं तो अवश्य ही यह आपको बहुत लाभ देंगे।
यहां पढ़ें श्री गणेश जी के 10 खास मंत्र-
श्री गणेश मंत्र-Ganesh Mantra
1. 'ॐ गं गणपतये नम:'
2. गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्।
उमासुतं शोक विनाशकारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्।।
3. ॐ वक्रतुंडाय नमो नम:
4. एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
5. वक्रतुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ निर्विघ्नम कुरू मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा।
6. 'ॐ गं गौं गणपतये विघ्न विनाशिने स्वाहा'
7. गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः।
द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः॥
विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः।
द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्॥
विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत् क्वचित्।
8. 'ॐ वक्रतुंडा हुं।'
9. ॐ नमो हेरम्ब मद मोहित मम् संकटान निवारय-निवारय स्वाहा।'
10. 'ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।'