शुक्र अस्त होने से क्या होता है?
Shukra ast 2023 : जैस चंद्रमा और सूर्य अस्त होकर पुन: उदय होते हैं उसी तरह सभी ग्रह अस्त होते और उदित होते हैं। शुक्र तारा 5 अगस्त 2023 शनिवार को अस्त हो जाएगा जो 18 अगस्त 2023 शुक्रवार को पुन: उदय होगा। यानी करीब 13 दिन तक शुक्र यानी वीनस ग्रह अस्त रहेगा। आओ जानते हैं कि शुक्र के अस्त होने से क्या होता है।
किसी भी ग्रह के अस्त होने को ग्रह अस्त, ग्रह लोप, ग्रह मौद्य, ग्रह मौद्यामि के नाम से जाना जाता है। अधिकांश शुभ कार्य जैसे सगाई, विवाह समारोह, संपत्ति खरीदी आदि, शुक्र और गुरु ग्रह के अस्त काल में नहीं किए जाते हैं। यानी कोई भी मांगलिक कार्य तब तक नहीं होते हैं जब तक कि ये ग्रह उदय नहीं हो जाते हैं।
सौरमंडल के नवग्रहों में शुक्र का महत्व अधिक है। आकाश में सबसे तेज चमकदार तारा शुक्र ही है। आकाश में शुक्र ग्रह को आसानी से देखा जा सकता है। इसे संध्या और भोर का तारा भी कहते हैं, क्योंकि इस ग्रह का उदय आकाश में या तो सूर्योदय के पूर्व या संध्या को सूर्यास्त के पश्चात होता है।
शुक्र के अस्त दिनों में भी शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं। इसका कारण यह कि उक्त वक्त पृथ्वी का पर्यावरण शुक्र प्रभा से दूषित माना गया है। यह ग्रह पूर्व में अस्त होने के बाद 75 दिनों पश्चात पुन: उदित होता है। उदय के 240 दिन वक्री चलता है। इसके 23 दिन पश्चात अस्त हो जाता है। पश्चिम में अस्त होकर 9 दिन के पश्चात यह पुन: पूर्व दिशा में उदित होता है।