* 26 नवंबर को होगी चार्तुमास की समाप्ति, शुरू होंगे शुभ कार्य
इस वर्ष चातुर्मास जुलाई की पहली तारीख से प्रारंभ हुआ था, जिसकी अवधि बुधवार, 25 नवंबर 2020 तक जारी रही। चातुर्मास वह चार महीने की अवधि है, जो आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष एकादशी से प्रारंभ होकर, कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को समाप्त होता है यानी चातुर्मास श्रावण, भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक माह तक जारी रहता है। चातुर्मास के प्रारंभ को 'देवशयनी एकादशी' कहा जाता है और अंत को 'देवोत्थान या देवउठनी एकादशी' कहा जाता है।
हिन्दू धर्म में व्रत, भक्ति और शुभ कर्म के चार महीने को 'चातुर्मास, चौमासा (Chaturmas) कहा गया है। ध्यान और साधना करने वाले लोगों के लिए ये माह महत्वपूर्ण होते हैं। इस दौरान शारीरिक और मानसिक स्थिति तो सही होती ही है, साथ ही वातावरण भी अच्छा रहता है।
इस समयावधि को व्रतों का माह भी इसलिए कहा गया है कि उक्त चार माह में जहां हमारी पाचनशक्ति कमजोर पड़ती है वहीं भोजन और जल में बैक्टीरिया की तादाद भी बढ़ जाती है। अत: इन दिनों स्वास्थ्य की दृष्टि से भी यह समय महत्वपूर्ण हो जाता है।
26 नवंबर को चातुर्मास की समाप्ति होगी। इसके साथ ही शादी विवाह जैसे मांगलिक कार्य आरंभ हों जाएंगे। पंचांग के अनुसार 26 नवंबर 2020 से 11 दिसंबर 2020 तक मांगलिक विवाह के कई शुभ मुहूर्त बने हुए हैं। अब मांगलिक विवाह, नामकरण संस्कार, मुंडन, गृह प्रवेश आदि जैसे शुभ कार्य किए जा सकेंगे। देवउठनी एकादशी के बाद जो मांगलिक कार्य चातुर्मास में वर्जित माने गए थे वे सभी कार्य आरंभ हो जाएंगे।
धार्मिक पंचांग के अनुसार वर्ष 2020 में देवउठनी एकादशी के अगले दिन से शुभ मांगलिक कार्यों का शुभारंभ हो रहा है यानी 26 नवंबर से 11 दिसंबर तक 11 दिनों के शुभ मुहूर्त मांगलिक विवाह के लिए बने हुए हैं। उसके बाद 16 दिसंबर 2020, बुधवार से खरमास का आरंभ हो जाएगा, जिसकी वजह से सभी शुभ एवं मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा। तत्पश्चात विवाह के लिए अगले साल यानी अप्रैल 2021 से शुभ विवाह का शुभारंभ होगा।
आइए जानते हैं 2020 में पंचांग के अनुसार विवाह के शुभ मुहूर्त-
नवंबर 2020- 26, 29, 30 नवंबर।
दिसंबर 2020- 1, 2, 6, 7, 8, 9, 10, 11 तक। अत: इस शुभ मुहूर्तों में वैवाहिक कार्य करना श्रेष्ठ रहेगा।