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14 अप्रैल तक रहेगा खरमास, क्या करें एवं क्या न करें? जानिए 11 खास बातें

14 अप्रैल तक रहेगा खरमास, क्या करें एवं क्या न करें? जानिए 11 खास बातें - Kharmaas 2021
kharmas 2021
 

 
 
 
इस वर्ष 14 मार्च 2021, रविवार से खरमास प्रारंभ हो रहा है। भारतीय पंचांग के अनुसार इस पूरे माह में शुभ कार्य नहीं होंगे। प्राचीन खगोलशास्त्र के अनुसार हिन्दू पंचांग की गणना की जाती है। इसके अनुसार जब सूर्य 12 राशियों का भ्रमण करते हुए बृहस्पति की राशियों धनु और मीन में प्रवेश करता है, तो अगले 1 माह तक खरमास पड़ता है। इन 30 दिनों की अविधि को शुभ नहीं माना जा सकता है। 
 
ऐसी कई मान्यताएं हैं कि खरमास में विवाह, भवन-निर्माण, नया व्यापार या व्यवसाय आदि शुभ कार्य वर्जित हैं। पंचाग के अनुसार यह समय सौर मास का होता है जिसे खर मास कहा जाता है। माना जाता है कि इस मास में सूर्य देवता के रथ को घोड़े नहीं खींचते हैं। लेकिन जो लोग विदेशों में रह रहे हैं क्या उनके लिए भी खरमास में शुभ कार्य निषेध है?
 
जानकार बताते हैं कि भारतीय पंचांग के अनुसार देश, काल और परिस्थिति में सितारों की गणना बदल जाती है। अगर आपका जन्म विदेशी धरती पर हुआ है तब भी आपके पूर्वज भारत के ही हैं, गौत्र और नक्षत्र तथा कुंडली में सूर्य की स्थिति भारतीय पंचांग के अनुसार ही आप मानते हैं तो जरूरी है कि खरमास की पाबंदी आप भी मानें।
 
सूर्य देव सिर्फ भारत के नहीं है वे अखिल ब्रह्मांड के दिव्य देवता हैं। मात्र विदेशी धरती पर निवास करने से मास की अशुभता शुभता में नहीं बदल जाती है। अत: इस समय में शुभ कार्य विदेश में रहकर भी ना करें। इस वर्ष खरमास 13 अप्रैल 2021 तक जारी रहेगा। 14 मार्च से शुरू होने वाला खरमास 14 अप्रैल तक चलेगा क्योंकि सूर्य एक महीने के लिए एक राशि में रहते हैं। सूर्य 14 अप्रैल को मीन राशि से निकलकर मेष राशि प्रवेश करेंगे उसके बाद खरमास भी खत्म हो जाएगा। फिर 15 अप्रैल से वैवाहिक कार्यक्रमों की शुरुआत हो सकेगी। 

आइए जानते हैं खर मास में क्या करें और क्या न करें?
 
खरमास में क्या करें:- 
 
* खरमास को मल मास भी कहा जाता है। 
 
* इस मास में भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ-साथ धार्मिक स्थलों पर स्नान-दान आदि करने का भी महत्व माना जाता है। 
 
* इस मास की एकादशियों का उपवास कर भगवान विष्णु की पूजा कर उन्हें तुलसी के पत्तों के साथ खीर का भोग लगाया जाता है।
 
* इस मास में प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करके भगवान विष्णु का केसर युक्त दूध से अभिषेक करें व तुलसी की माला से 11 बार भगवान विष्णु के मंत्र ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः का जप करें। 
 
* पीपल के वृक्ष में भगवान विष्णु का वास माना जाता है इस मास में पीपल की पूजा करना भी शुभ रहता है।
 
* कार्यक्षेत्र में उन्नति के लिए खरमास की नवमी तिथि को कन्याओं को भोजन करवाना पुण्य फलदायी माना जाता है। 
 
* सबसे जरूरी और महत्वपूर्ण कार्य इस मास में यह किया जा सकता है कि श्री हरि विष्णु जी की भक्ति में मन लगाएं और सत्कर्म करें। 
 
* इस माह के दौरान अपने दुर्व्यसनों, दुर्विचारों, पापाचार को त्याग कर धर्म-कर्म में मन लगाएं।
 
खरमास में क्या न करें- 
 
* इस पूरे मास तक विवाह, सगाई, ग्रह-प्रवेश आदि धार्मिक शुभकार्य या मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए। 
 
* नई वस्तुओं, घर, कार आदि की खरीददारी भी नहीं करनी चाहिए। 
 
* घर का निर्माण कार्य या फिर निर्माण संबंधी सामग्री भी इस समय नहीं खरीदनी चाहिए।