21 नवंबर 2019 को शुक्र ग्रह ने धनु राशि में प्रवेश कर लिया है। शुक्र के इस गोचर का प्रभाव हम सभी पर पड़ेगा। ये प्रभाव शुभाशुभ दोनों हो सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह को सौंदर्य, ऐश्वर्य, वैभव, कला, संगीत और काम वासना का कारक माना जाता है। शुक्र ग्रह वृषभ और तुला का मालिक है। मीन राशि में यह उच्च और कन्या राशि में नीच अवस्था में होता है। जिन जातकों की कुंडली में शुक्र ग्रह प्रबल होता है, उनके व्यक्तित्व को शुक्र आकर्षक बनाता है।
प्रबल शुक्र के जातक धन और वैभव संपन्न होते हैं। उनका जीवन ऐश्वर्यशाली होता है। अगर जातक कला क्षेत्र से जुड़ा होता है तो वह उस क्षेत्र में सफलता के नए आयाम छूता है। इसके विपरीत यदि कुंडली में शुक्र ग्रह अशुभ होता है तो उससे जातकों को कई तरह की परेशानियां होती हैं। शुक्र के अशुभ प्रभाव के कारण जातक का जीवन दरिद्रमय हो जाता है। उसे सभी प्रकार के सांसारिक सुख प्राप्त नहीं हो पाते हैं।
शुक्र को कैसे करें प्रबल?
शुक्र ग्रह के शुभ फल पाने के लिए जातक को इसको मजबूत करना होगा। इसलिए ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह की शांति के उपाय बतलाए गए हैं। इनमें विधिनुसार शुक्र यंत्र स्थापना करके उसकी पूजा, शुक्र ग्रह के बीज मंत्र का जाप, शुक्र ग्रह से संबंधित वस्तुओं का दान, शुक्रवार का व्रत, मां लक्ष्मी जी की पूजा, हीरा रत्न, छह मुखी रुद्राक्ष और अरंड मूल की जड़ धारण करना बताए गए हैं।
शुक्र ग्रह की मजबूती के उपाय
चमकदार सफेद एवं गुलाबी रंग का प्रयोग करें।
मां लक्ष्मी अथवा मां जगदम्बा की पूजा करें।
श्री सूक्त का पाठ करें।
शुक्र की शांति के लिए शुक्रवार के दिन उपवास रखें।
शुक्रवार के दिन दही, खीर, ज्वार, इत्र, रंग-बिरंगे कपड़े, चांदी, चावल इत्यादि वस्तुएं दान करें।
शुक्र बीज मंत्र "ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः" का 108 बार उच्चारण करें।
चांदी की बांसुरी कान्हा को चढ़ाएं।
चांदी की सामग्री का पूजन करें।
हीरा जानकारों से पूछकर पहन सकते हैं।
चांदी की लक्ष्मी जी को इत्र और शहद चढ़ाएं।