वर्ष 2022 में 17 अक्टूबर, सोमवार को अहोई अष्टमी पर्व मनाया जा रहा है। यह शुभ पर्व व्रत संतान के अच्छे जीवन, सुरक्षा, लंबी उम्र और आरोग्य के लिए किया जाता है। इस दिन अहोई माता का पूजन-अर्चन किया जाता है।
आइए जानें 8 बड़ी बातें... Ahoi Ashtami 2022
1. भगवान गणेश प्रथम पूजनीय है, अत: अहोई अष्टमी के दिन अहोई माता से पहले श्री गणेश की पूजा करना ना भूलें।
2. अहोई अष्टमी के दिन निर्जला रहें। ऐसा करने से संतान को लंबी आयु का वरदान तथा समृद्धि प्राप्त होती है।
3. अहोई अष्टमी के दिन तारों को अर्घ्य देते हैं। तारों के निकलने के बाद ही अपने उपवास खोलें, तभी पानी या भोजन ग्रहण करें।
4. अहोई अष्टमी के दिन अपने सास-ससुर के लिए बयाना जरूर निकालें। अगर आपके सास-ससुर ना हों तो अपना बायना किसी पंडित या किसी बुजुर्ग को दें।
5. अहोई अष्टमी के दिन व्रत कथा सुनते समय 7 तरह के अनाज अपने हाथ में रखें। पूजा के बाद इस अनाज को किसी गाय को खिला दें।
6. अहोई अष्टमी के दिन पूजा करते समय अपने बच्चों को पास बिठाएं और अहोई माता को भोग लगाने के बाद वो प्रसाद उन्हें खिलाएं।
7. अहोई अष्टमी के दिन पूजन के बाद किसी ब्राह्मण या गाय को खाना जरूर खिलाएं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें। निर्धन व्यक्ति को दान अवश्य दें।
8. अहोई अष्टमी के दिन मिट्टी को बिल्कुल भी हाथ न लगाएं और न ही इस दिन खुरपी से कोई पौधा भी उखाड़ें।
अहोई अष्टमी शुभ मुहूर्त संयोग-
अहोई अष्टमी व्रत प्रारंभ- 17 अक्टूबर 2022, सोमवार
ब्रह्म मुहूर्त- 04.43 ए एम से 05.33 ए एम तक।
अभिजित मुहूर्त- 11.43 ए एम से 12.29 पी एम तक।
गोधूलि मुहूर्त- 05.38 पी एम से 06.02 पी एम तक।
अमृत काल- 18 अक्टूबर 02.31 ए एम से 18 अक्टूबर 04.19 ए एम तक।
सर्वार्थ सिद्धि योग 18 अक्टूबर 05.13 ए एम से 06.23 ए एम तक।
प्रातः- 05.08 ए एम से 06.23 ए एम तक।
विजय मुहूर्त- 02.01 पी एम से 02.46 पी एम तक।
सायाह्न संध्या 05.50 पी एम से 07.05 पी एम तक।
निशिता मुहूर्त- 11.41 पी एम से 18 अक्टूबर 12.32 ए एम तक।