लखनऊ। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) और सच को नदी के दो किनारे बताते हुए मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव पर गलत तथ्य पेश कर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते नसीहत दी कि वे सहयोग भले न कर सकें, लेकिन कम से कम गलत और भ्रामक बयान देकर प्रदेश की बेहतरी में अड़ंगा तो न लगाएं।
विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं और कानून व्यवस्था को लचर बताने तथा विपक्षी दलों के आंदोलन और विरोध की आवाज को कुचलने के सपा प्रमुख के आरोप का जवाब देते हुए यह बात कही। योगी ने कहा कि सपा और सच, नदी के दो किनारे हैं, जो आपस में कभी नहीं मिलते, लेकिन नेता प्रतिपक्ष को सदन में सच बोलने की आदत डालनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 4 बार सपा की सरकार रही, लेकिन स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने की कोई कोशिश नहीं की गई। यहां तक कि गोरखपुर व आसपास के जिलों में इंसेफेलाइटिस से मासूम बच्चों की हर साल सैकड़ों मौतें होती रहीं, लेकिन सपा की ओर से संवेदना का एक भी शब्द नहीं फूटा।
मानसून सत्र के दूसरे दिन अखिलेश ने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं लचर होने का आरोप लगाया। इसके जवाब में योगी ने सपा के 4 शासनकाल के दौर की कारगुजारियों की पोल खोलते हुए कहा कि गोरखपुर एम्स के लिए जमीन देने में यही तथाकथित समाजवादी रोड़ा अटकाते रहे। भाजपा की सरकार 2017 में जब बनी तब इसके लिए जमीन का पंजीकरण हो सका।
उन्होंने कहा कि सपा शासन में प्रदेश के सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बंदी की कगार पर थे। जिला अस्पतालों की हालत दयनीय थी। बरसात के महीनों में गोरखपुर में इंसेफेलाइटिस का कहर होता था। हर साल 1,200 से 2,000 तक मासूम बच्चों की मौत होती थी। अकेले बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 500 मौत हर साल होती थी। यह बच्चे अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक वर्ग और पिछड़े वर्ग के परिवारों के थे।
उन्होंने कहा कि इंसेफेलाइटिस का टीका 1905 में ही जापान में आ गया था, लेकिन भारत तक पहुंचने में उसे 100 साल लग गए। आज सरकार पर सवाल उठाने से पहले इन्हें अपने कार्यकाल के बारे में सोचना चाहिए। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट के हवाले से मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि बीते साढ़े 5 साल में स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतरीन सुधार हुआ है। एनीमिया की रोकथाम की कोशिशों का ही नतीजा है कि आज प्रदेश में राष्ट्रीय औसत से बेहतर हालात हैं। मातृ व शिशु मृत्यु दर में लगातार सुधार हो रहा है।
सीएम ने कहा कि आज हम विरासत की ऐसी ही विकृतियों को सुधार रहे हैं। यह डबल इंजन सरकार के प्रतिबद्धतापूर्ण प्रयासों का ही नतीजा है कि आज हालात ऐसे हैं कि इस साल अब तक गोरखपुर में एईएस के 40 और जेई के मात्र 7 मामले आए हैं और एक भी बच्चे की मृत्यु नहीं हुई है।
उन्होंने कहा कि '108 एम्बुलेंस' के रेस्पॉन्स टाइम को कम किया गया है। सरकार के लिए 25 करोड़ प्रदेशवासी परिवार का हिस्सा हैं। कोरोना आया तो नेता प्रतिपक्ष कहां थे, किसी को पता नहीं था। जनता की कोई सुध नहीं ली। प्रधानमंत्रीजी की कोशिशों से कोरोना संक्रमण की शुरुआत के मात्र 9 माह में ही देश को 2 स्वदेशी वैक्सीन मिले, नतीजतन आज पूरा देश, पूरा उत्तरप्रदेश सुरक्षित है।
कोविड टीके को लेकर अखिलेश की राजनीतिक टिप्पणियों को निंदनीय बताते हुए मुख्यमंत्री योगी ने इसे जनता के जीवन से खिलवाड़ करने वाला कृत्य करार देते कहा कि जब इनको मौका मिला तो कुछ न कर सके, लेकिन आज जब प्रदेश के हर जिले में मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं, गांवों में साप्ताहिक आरोग्य मेले लग रहे हैं, इंसेफेलाइटिस खत्म हो रहा है, तो नेता प्रतिपक्ष को खुश होना चाहिए।
योगी ने अखिलेश को नसीहत दी कि वे सहयोग भले न कर सकें, लेकिन कम से कम गलत और भ्रामक बयान देकर प्रदेश की बेहतरी में अड़ंगा तो न लगाएं। अखिलेश पूर्व मुख्यमंत्री हैं, आज मुख्य विपक्षी दल के नेता हैं, जनता को भ्रमित करना, गुमराह करना इन्हें शोभा नहीं देता। सदन में बोलने से पहले नेता प्रतिपक्ष को आंकड़ों का सत्यापन कर लेना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है, उत्तरप्रदेश ने भी इस लक्ष्य को पूरा करने में सहयोग करते हुए प्रदेश के लिए 1 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनने का संकल्प लिया है।(वार्ता)