#Hanuman Chalisa मथुरा में अब ईदगाह मस्जिद में 4 युवकों ने पढ़ी हनुमान चालीसा, पुलिस ने हिरासत में लिया
मथुरा। उत्तरप्रदेश स्थित मथुरा भगवान कृष्ण की जन्मस्थली है। ब्रजवासी भगवान श्रीकृष्ण के प्रेमरस आकंठ डूबे रहते आए हैं। राधे-राधे रचता समूचा ब्रज आज प्रेम की जगह नफरत को आत्मसात करता दिख रहा है।
अभी हाल ही में नंद गांव के नंदबाबा मंदिर में 2 मुस्लिम युवकों द्वारा नमाज पढ़ने का मामला प्रकाश में आया था, जिस पर प्रशासन ने एक्शन लेते हुए दोनों युवकों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इस घटना को चंद रोज ही बीते थे, प्रतिक्रिया स्वरूप आज गोवर्धन में चार हिन्दू युवकों द्वारा बरसाना रोड स्थित ईदगाह में हनुमान चालीसा पढ़ने का मामला सामने आ गया।
मथुरा नंद मंदिर में 2 मुस्लिम यात्रियों द्वारा ब्रज 84 परिक्रमा के चलते मंदिर परिसर में नमाज पढ़ने के मामले ने तूल पकड़ा तो संत समाज ने इसकी निंदा करते हुए इसे सनातन संस्कृति को दूषित करने वाला बताया है और कहा कि इस तरह का कृत्य बर्दाश्त करने योग्य नही है।
संतों ने तो यहां तक कह दिया कि हिन्दू लोग भी मस्जिद और ईदगाह में पूजा कर सकते है। इसके चलते हिन्दूवादी युवकों ने गोवर्धन ईदगाह में 'जय श्रीराम' के नारे लगाते हुए हनुमान चालीसा पाठ करते हुए मथुरा की फिजा बिगाड़ने की कोशिश की। इन 4 युवकों के ईदगाह में हुनमान चालीसा पढ़ते हुए फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होते हुए हड़कंप मच गया। पुलिस ने आनन-फानन में चारों युवकों को हिरासत में ले लिया है।
नंदधाम के थाना गोवर्धन क्षेत्र स्थित ईदगाह में आज सुबह 10 बजे के करीब 4 युवक सौरभ लम्बरदार, राघव मित्तल, कान्हा ठाकुर और कृष्णा ने हनुमान चालीसा का पाठ करके एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। मंगलवार दोपहर में हनुमान चालीसा पाठ के फोटो को फेसबुक पर अपलोड कर दिया। जैसे ही ईदगाह परिसर में हनुमान चालीसा पढ़कर 'जय श्रीराम' के नारे लगाने की खबर सोशल मीडिया में वायरल हुई, तो पुलिस-प्रशासन हरकत में आ गया और 4 युवाओं का शांति भंग करने की धारा 151 में चालान कर दिया।
ईदगाह में हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले हिन्दू युवकों का कहना है कि उन्होंने हनुमान चालीसा पाठ करके सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश दिया है। जब मुस्लिम नंद भवन में नमाज अदा कर सकते हैं तो हम भी ईदगाह में हनुमान चालीसा का पाठ क्यों नही कर सकते हैं?
मथुरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. गौरव ग्रोवर और डीएम सर्वज्ञ राम ने बताया कि मथुरा जनपद हिन्दू-मुस्लिम सौहार्द के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। इसके चलते किसी भी धर्म के अनुयायियों को शहर के अमन और फिजा को बिगाड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। चाहे जो भी हो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगा।