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Written By Author हिमा अग्रवाल
Last Modified: शनिवार, 6 मार्च 2021 (20:29 IST)

किसानों ने बागपत में लगाया कई किलोमीटर लंबा जाम

किसानों ने बागपत में लगाया कई किलोमीटर लंबा जाम - Farmers Protest in Uttar Pradesh
तीन कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसानों के 100 दिन पूरे हो चुके हैं, लेकिन किसान कानूनों को सरकार वापस नहीं ले रही है, जिसके चलते शनिवार को किसानों का गुस्सा एक बार फिर से फूट पड़ा। बागपत में किसानों ने ईस्टर्न पेरीफेरेल एक्सप्रेस-वे पर धरना दिया। इससे एक्सप्रेस-वे पर लंबा जाम लग गया। इस दौरान हरियाणा की तरफ से आ रहे वाहनों की लंबी कतार लग गई।

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने खेकड़ा क्षेत्र स्थित ईस्टर्न पेरीफेरेल एक्सप्रेस-वे पर यमुना पुल के निकट धरना देते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे पर करीब साढ़े 5 घंटे तक किसानों का हंगामा चला और इस दौरान हाईवे पर कई किलोमीटर जाम लग गया। जिसकी वजह से अफरा-तफरी मच गई और यात्रियों को दिक्कत और परेशानी के बाद किसानों ने रास्‍ते को खोल दिया। पुलिस-प्रशासन ने यातायात को चलाने के लिए इस दौरान कई जगहों पर रूट डायवर्ट कर दिया गया था।

बागपत प्रशासन ने हरियाणा की तरफ से जाने वाले वाहनों को रोका दिया था। दूसरी तरफ हरियाणा सीमा क्षेत्र के कुंडली बॉर्डर पर सोनीपत के किसानों ने जाम लगाकर एक्सप्रेस-वे पर वाहनों को रोका देने से लंबा जाम लग गया था। वहीं खेकड़ा में जाम लगते ही बागपत पुलिस ने रूट डायवर्ट कर वाहनों दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे से निकलवाकर निवाड़ा यमुना पुल की तरफ डायवर्ट किया गया।

धरने पर बैठे किसानों का कहना है कि किसानों के आंदोलन को 101 दिन हो चुके हैं। अपनी खेती-बाड़ी और घर छोड़कर किसान नए कृषि कानून रद्द कराने और न्यूतम समर्थन मूल्य घोषित करने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। सरकार समझ ले किसान पीछे हटने वाला नही है। जिस तरह से वह सर्दी और बारिश में अपनी मांगों को लेकर आंदोलन स्थल पर डटा रहा है, उसी तरह वह गर्मी में सूरज के ताप को सहकर 5 महीने तक आंदोलन करता रहेगा।
 
जब तक किसानों की मांग पूरी नही होगी, उसकी इस तपस्या को कोई डिगा नहीं सकता। सरकार जब भी आंदोलन तोड़ेगी, आंदोलन और निखरेगा। आंदोलन ऐतिहासिक होगा आने वाले समय में आंदोलन को याद किया जाएगा।
 
ये सरकार किसान हितैषी नही है, सरकार को किसानों की परवाह नहीं है। आंदोलन के बाद भी सरकार के कानों पर जूं नही रेंग रही है, जिस कारण किसानों की बात सुनी नही जा रही है। किसान विवश हो गया और उसने आज फिर से एक्सप्रेस वे पर धरना देकर जाम लगाया गया है। हालांकि जाम के दौरान किसानों ने मानवीयता दिखाते हुए एंबुलेंस समेत इमरजेंसी सेवाओं को जाम से निकलवाने की व्यवस्था रखी थी।
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