बिजली कटौती को लेकर सीएम योगी का फरमान, अनावश्यक बिजली की कटौती कतई न की जाए
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पड़ रही भीषण गर्मी को देखते हुए जहां बिजली की मांग तेजी के साथ बढ़ गई है तो वहीं इस समय उत्तर प्रदेश में बिजली की कटौती भी बढ़ गई है। इसके बाद कटौती को लेकर सोशल मीडिया से लेकर अन्य संसाधनों के जरिए लोग अपनी अपनी बिजली से जुड़ी समस्याएं दर्ज करा रहे हैं।
इन समस्याओं की जानकारी होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है और उन्होंने पावर कारपोरेशन को कड़े निर्देश देती हुई कहा है कि जो कुछ भी करना हो उसे तत्काल करें लेकिन कहीं भी अनावश्यक बिजली की कटौती कतई न की जाए।
उन्होंने कहा कि बिजली आपूर्ति के मामले में पावर कारपोरेशन प्रबंधन की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी।उन्होंने कहा कि ट्रांसफार्मर के खराब होने या तार आदि के टूटने की समस्या का तत्काल समाधान किया जाए। ओवरबिलिंग या देर से बिल देने से उपभोक्ता परेशान होते हैं। वह बिल जमा करने के प्रति उत्साहित नहीं होता।
सीएम योगी ने कहा कि बिजली कंपनियां कनेक्शन काटने के बजाए बकायेदारों से लगातार संपर्क और संवाद करें। गांवों में स्वयं सहायता समूहों या बीसी सखी के माध्यम से बिल संकलन के अलावा बिजली बिल कलेक्शन सेंटर बनाए जाने पर भी विचार किया जाए। उऩ्होंने कहा कि बिजली चोरी रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं ताकि लाइन लास न्यूनतम रहे। बकायेदारों के लिए एकमुश्त समाधान की योजना लागू की जाए।
गौरतलब है कि प्रदेश के बड़े शहरों व जिला मुख्यालयों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति के अलावा गांवों में 18 घंटे, बुंदेलखंड में 20, तहसील-नगर पंचायत क्षेत्रों में 21.30 घंटे आपूर्ति का रोस्टर है लेकिन प्रदेश में पड़ रही भीषण गर्मी के चलते बिजली का शेड्यूल भी बिगड़ गया है।
बड़े शहरों को छोड़ सभी क्षेत्रों में दो-तीन घंटे से भी अधिक बिजली कटौती हो रही है। लोकल फाल्ट के चलते तो कई क्षेत्रों में कहीं ज्यादा देर बिजली गुल रहती है।