अयोध्या का छोटा गया, हजारों लोग पितृपक्ष में करते हैं पितरों का पिंडदान व तर्पण
Chhota Gaya in Nandigram Ayodhya: क्या आपको जानकारी है कि पितृ पक्ष में गया जैसा ही लाभ अयोध्या के छोटे गया में भी प्राप्त होता है। रामनगरी अयोध्या जनपद से मात्र 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नंदीग्राम जिसे भरत कुंड के नाम से भी जाना जाता है, श्रीराम के 14 वर्ष के वनवास के दौरान उनके अनुज भरतजी ने इसी स्थान पर 14 वर्षों तक श्रीराम की खड़ाऊ रखकर तपस्या की थी। इसे भरत की तपोभूमि कहा जाता है।
इसी स्थान पर हुआ था राजा दशरथ का श्राद्ध : तपस्या के दौरान ही पिता भारत ने दशरथ की मृत्यु होने के बाद इसी स्थान पर अपने पिता का श्राद्ध किया था। इतना ही नहीं श्रीराम के 14 वर्षों के वनवास के दौरान ही अपने आराध्य श्रीराम के राज्याभिषेक के लिए भरतजी अपने 14 वर्षों की तपस्या के दौरान ही 27 तीर्थों का जल लेकर आए थे, जिसमें से आधा चित्रकूट के एक कुए में डाला था और शेष बचा हुआ जल भरत कुंड मे स्थित कुंड में डाला था।
यहां भगवान विष्णु का चरण चिह्न अंकित है : भरत कुंड में यह कुआं आज भी है। इस कुएं के निकट एक प्राचीन बरगद का वृक्ष भी स्थित है। मान्यता है कि भगवान विष्णु के दाहिने पैर का चिन्ह यहां स्थित गया वेदी पर और बाएं पैर का चिन्ह गया में अंकित है। इसके कारण भरत कुंड नंदीग्राम में पिंडदान गया। इसी वेदी पर ही राजा दशरथ का भी श्राद्ध किया गया था, जिसे छोटा गया भी कहा जाता है। पितृ पक्ष पर यहां पिंडदान की मान्यता है। दूर-दूर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपने पितरों का तर्पण करने यहां आते हैं।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala