उन्नाव : संदिग्ध परिस्थिति में जंगल में बंधी मिलीं 3 लड़कियां, 2 की मौत, एक की हालत गंभीर
उन्नाव। उत्तरप्रदेश के उन्नाव में असोहा थाना क्षेत्र के अंतर्गत पड़ने वाले बबुरहा गांव में जानवरों के चारा लेने घर से निकलीं 3 किशोरियां खेत में अचेत अवस्था में पड़ी मिलीं। तीनों के हाथ-पैर बंधे हुए थे। किशोरियों को इस अवस्था में देख आसपास के ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गई और आनन-फानन में पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस तीनों किशोरियों को उन्नाव के सीएचसी लेकर गई, जहां पर डॉक्टरों ने 2 किशोरियों को मृत घोषित कर दिया। एक अन्य किशोरी को गंभीर हालत में कानपुर के हैलट रैफर कर दिया है।
जानकारी के अनुसार उन्नाव के बबुरहा गांव में रहने वाली 17 वर्षीय, 13 वर्षीय व 16 वर्षीय किशोरियां देर शाम चारा लेने के लिए खेत गई हुई थीं, लेकिन जब काफी देर तक घर नहीं लौटीं तो परिजनों ने तीनों की छानबीन शुरू की तो तीनों एक ही दुपट्टे और चादर से बंधी अचेत अवस्था में पड़ी हुई थीं। घबराए परिजनों ने इसकी जानकारी उन्नाव पुलिस को दी।
मौके पर पहुंची पुलिस ने अचेत अवस्था में पड़ीं किशोरियों को तत्काल सीएचसी भेजा। यहां डॉक्टरों ने 2 को मृत घोषित कर दिया और 1 को गंभीर हालत में कानपुर रैफर कर दिया गया है। घटना की गंभीरता को देखते हुए गांव में कई थानों की फोर्स को तैनात कर दिया गया है। पूरे मामले को लेकर एसपी उन्नाव का कहना है कि मामले की गहनता से जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।
घटना ने किया शर्मसार : सुनील साजन सपा प्रवक्ता व एमएलसी ने उन्नाव की घटना को लेकर कहा है कि उन्नाव की घटना ने एक बार फिर से हम सबको शर्मसार कर दिया है। अब यह बात साफ हो गई है कि पिछड़े- दलित की बेटियां सुरक्षित नहीं हैं।
उत्तरप्रदेश में जंगलराज है। उत्तरप्रदेश में कोई भी किसी बहू-बेटी की इज्जत और अज़मत लूट ले रहा है और पुलिस मूकदर्शक बनी है। उन्नाव पुलिस पूरे घटनाक्रम को दबाना चाहती हैं। जिस तरह से 2 बेटियों की डेड बॉडी को लेकर उन्नाव पुलिस व्यवहार कर रही है, उसे प्रदेश की कानून व्यवस्था की हालत अपने आप साफ हो जा रही है। एक अलग पैनल बनाकर पूरे मामले का पोस्टमार्टम होना चाहिए और अलग टीम से पूरे मामले की जांच करवाई जाए।