कन्फ्यूजन है तो इन 4 पॉइंट्स में समझें टैक्स जमा करने के बारे में
भारत सरकार के वित्त मंत्रालय की तरफ से बुधवार को यूनियन बजट जारी किया गया। इस दौरान इनकम टैक्स को लेकर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बडा बयान दिया। उन्होंने कहा कि 7 लाख रुपए तक की आय वाले को टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है, यानी इतना कमाने वाले को कोई टैक्स नहीं भरना है। हालांकि ऐसा तब होगा जब वह अपना टैक्स नई प्रणाली के तहत जमा करेगा। हालांकि बावजूद इसके अभी इसमें काफी कन्फ्यूजन बना हुआ है, जो बाद में धीरे-धीरे स्पष्ट होगा। तब तक इन 4 पॉइंट में समझते हैं आखिर क्या है वित्तमंत्री के टैक्स में छूट का मतलब।
1. अगर आप नई टैक्स प्रणाली के अंतर्गत अपना इनकम टैक्स भर रहे हैं, तो सरकार द्वारा स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50000 से बढ़ाकर 52500 प्रति साल कर दिया गया है। अधिकतम टैक्सपेयर अभी भी पुरानी टैक्स प्रणाली के तहत ही अपना टैक्स भरते हैं, क्योंकि उसमें कई छूट (होम लोन, घर का किराया और अन्य) मिलती हैं जो नई प्रणाली में नहीं मिलती हैं।
2. 7 लाख रुपए तक सालाना कमाई करने वाले लोगों को अब ज़ीरो टैक्स देना होगा। ऐसा तब होगा जब वह अपना टैक्स नई प्रणाली के अंतर्गत भरेंगे और अपनी बचत से जुड़ी सभी जानकारी सरकार को देते हैं।
3. भारत में सर्वाधिक इनकम टैक्स 42.7 फीसदी है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है। इसे अब 39 फीसदी तक लाया गया है, जो कि अगले वित्तीय वर्ष से लागू किया जाएगा। ध्यान रहे कि यह टैक्स 5 करोड़ सालाना कमाने वाले लोगों को देना होता है।
4. अगर आप 9 लाख रुपए प्रति साल तक कमाते हैं, तब सालाना आपको 45 हज़ार रुपए तक टैक्स देना पड़ सकता है। यानी आप 5 फीसदी इनकम टैक्स दे रहे हैं।
edited by navin rangiyal