भारत माता की जय से हुआ मीराबाई चानू का दिल्ली एयरपोर्ट पर स्वागत, बयान में दिया पीएम को धन्यवाद (वीडियो)
नौकायन टीम के बाद भारत की एकमात्र भारोत्तोलक मीराबाई चानू सबसे पहले ओलंपिक के लिए टोक्यो पहुंची थी। टोक्यो पहुंचने के एक हफ्ते के अंदर उन्होंने मेडल जीत लिया था और ओलंपिक शुरु होने के 2 दिन बाद वह अपना काम खत्म करके भारत भी आ गई हैं।
ओलंपिक में वेटलिफ्टिंग में 21 वर्षों का सूखा खत्म करने वाली मीराबाई चानू सोमवार को दिल्ली एयरपोर्ट पर मीराबाई चानू का तालियों की गड़गड़ाहट के साथ स्वागत हुआ और भारत माता के जय के नारे लगाए गए।
उन्होंने यहां पहुंचने के बाद ट्वीट किया, इतने प्यार और समर्थन के बीच यहां वापस आकर खुशी हो रही है। बहुत - बहुत धन्यवाद।
हवाई अड्डे से बाहर निकलते ही वहां इंतजार कर रहे रहे मीडियाकर्मियों ने उन्हें घेर लिया, जिस दौरान धक्का-मुक्की भी हुई। सुरक्षाकर्मियों ने हालांकि उनके आस-पास घेरा बनाकर रास्ता बनाया।
उनका शाम को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मिलने का कार्यक्रम है।
भारत की धरती पर उतरने के बाद मीराबाई चानू ने पहला बयान भी दिया। उन्होंने कहा कि बहुत ही कठिन समय पर उनको प्रधानमंत्री मोदी द्वारा मदद मिली थी और करीब एक घंटे के अंदर अंदर अमेरिका में प्रेक्टिस करने के लिए उनको कोच समेत भेज दिया गया था। कोविड काल में ऐसी त्वरित मदद के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को धन्यावद प्रेशित किया।
चानू इससे पहले रियो ओलंपिक 2016 में भी पदक जीतने की दावेदार मानी जा रही थी लेकिन अपने 6 प्रयासों में से वह सिर्फ 1 बार ही वजन उठा पायी थी। इस अनुभव को साझा करते हुए मीराबाई ने कहा कि वह ठान चुकी थी कि जो गलती रियो ओलंपिक में हुई है वह टोक्यो में नहीं होने देंगी। उन्होंने अपनी ट्रेनिंग और तकनीक पूरी तरह से बदल दी थी।वह 48 किलो ग्राम मेें वैध वजन उठाने में नाकामयाब साबित हुई थी।
राष्ट्रीय कोच विजय शर्मा और सहायक कोच संदीप कुमार के साथ अमेरिका के सेंट लुइस में 50 दिवसीय अभ्यास के बाद मीराबाई चानू टोक्यो पहुंची थी जिसका फायदा देश को एक मेडल के रूप में प्राप्त हुआ।
चानू ने क्लीन एवं जर्क में 115 किग्रा और स्नैच में 87 किग्रा से कुल 202 किग्रा वजन उठाकर रजत पदक अपने नाम किया। अगर वह अपने अंतिम प्रयास में 117 किलो का वजन उठआ लेती तो स्वर्ण पदक भी जीत सकती थी।
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह टोक्यो ओलम्पिक में रजत पदक जीतकर इतिहास बनाने वाली महिला भारोत्तोलक मीराबाई चानू को एक करोड़ रुपये का नगद पुरस्कार और सरकारी नौकरी देने का आश्वासन दिया है। (वेबदुनिया डेस्क)