भारतीय महिला हॉकी टीम को अब तक की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग पर पहुंचाने के बाद कोच ने कहा, 'अलविदा'
नई दिल्ली:भारतीय महिला हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में जो अविश्वसनीय प्रदर्शन किया है उसका एक बड़ा कारण है कोच शुअर्ड मरिने की मेहनत। आज भले ही भारतीय टीम ग्रेट ब्रिटेन के साथ हुए ब्रॉन्ज मेडल मैच को 3-4 से गंवा बैठी हो लेकिन आज ही भारतीय महिला टीम अब तक की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग (6) पर पहुंची और आज ही कोच शुअर्ड मरिने इस टीम को अलविदा कह रहे हैं।
भारतीय महिला हॉकी टीम के कोच शोर्ड मारिन ने अब टीम का साथ छोड़ने का फैसला किया है। शोर्ड मारिन ने शुक्रवार को ब्रॉन्ज मेडल मैच में टीम की हार के बाद ऐलान किया कि बतौर कोच ओलंपिक (Tokyo Olympics 2020) उनका आखिरी टूर्नामेंट था। बता दें मारिन की कोचिंग में भारतीय महिला हॉकी टीम ने ओलंपिक में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। ब्रिटेन के खिलाफ कांस्य पदक के मुकाबले में 3-4 से हारने के बाद मारिन ने इस्तीफे की घोषणा की। नीरदलैंड के इस पूर्व खिलाड़ी ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, मेरी अब कोई योजना नहीं है क्योंकि भारतीय महिला टीम के साथ मेरा ये आखिरी मैच था। अब टीम जानेका शोपमैन के हवाले है।
यह पता चला है कि मारिन और टीम के विश्लेषणात्मक कोच जानेका शोपमैन दोनों को भारतीय खेल प्राधिकरण की ओर से कार्यकाल विस्तार की पेशकश की गई थी, लेकिन मुख्य कोच ने व्यक्तिगत कारणों से इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने पीटीआई-भाषा को बताया कि शोपमैन के अब पूर्णकालिक आधार पर मारिन का पद संभालने की उम्मीद है।
16 महीने से अपने घर नहीं गए शोर्ड मारिन
मारिन को 2017 में भारतीय महिला टीम का कोच नियुक्त किया गया था। उन्हें इसके बाद पुरुष टीम का कोच बना दिया गया। हालांकि 2018 में उन्हें फिर से महिला टीम का कोच नियुक्त किया गया। मारिन ने नीदरलैंड के लिए खेला है, और उनकी देखरेख में नीदरलैंड की अंडर -21 महिला टीम ने विश्व कप खिताब और सीनियर महिला टीम ने 2015 में हॉकी विश्व लीग सेमीफाइनल्स में स्वर्ण पदक हासिल किया है। कोविड-19 महामारी के कारण लागू प्रतिबंधों की वजह से वह पिछले 16 महीने से अपने घर नहीं जा पाये हैं उनके इस्तीफे के फैसले को इससे जोड़कर देखा जा रहा है।
मारिन को भारतीय टीम पर गर्व
भारतीय महिला हॉकी टीम के मुख्य कोच शोर्ड मारिन को अपनी टीम पर गर्व है। ओलंपिक कांस्य पदक मुकाबले में हार के बावजूद उन्होंने अपने खिलाड़ियों से आंसू रोकने के लिये नहीं कहा। मारिन ने कहा, हारने पर दुख होता है लेकिन मैं फख्र महसूस कर रहा हूं। मुझे इन लड़कियों पर गर्व है जिन्होंने एक बार फिर अपना कौशल और जुझारूपन दिखाया। उन्होंने कहा ,मैंने उनसे कहा कि मैं तुम्हारे आंसू तो नहीं पोंछ सकता। तुम्हें कोई शब्द सांत्वना नहीं दे सकता। तुमने पदक नहीं जीता लेकिन उससे बड़ा कुछ जीता है। अपने देश को प्रेरित किया है और गौरवान्वित किया है। उन्होंने कहा , दुनिया ने एक अलग ही भारतीय टीम देखी और मुझे उस पर गर्व है।
प्रधानमंत्रीमोदी ने भी की सराहना
भारतीय प्रधानमंत्री ने कोच शुअर्ड मरिने की सराहना करते हुए कहा,''आपने अपना सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश की। मैंने देखा कि आप कैसे खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन कर रहे थे। मैं आपको धन्यवाद देता हूं और आपको भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं।
मरिने ने श्री मोदी को शुक्रिया अदा करते हुए कहा, “आपके प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद सर। लडकियां इस समय कुछ भावुक नजर आ रही हैं लेकिन मैंने उनसे कहा है कि उन्हें अपने प्रदर्शन पर गर्व करना चाहिए। ''