राष्ट्रमंडल खेल 2002 के स्वर्ण ने मुझे प्रेरित किया था, हॉकी का हटना बड़ा झटका: रानी रामपाल
मैनचेस्टर राष्ट्रमंडल खेल 2002 में भारतीय महिला हॉकी टीम को मिले स्वर्ण पदक को अपने लिये प्रेरणा बताते हुए पूर्व कप्तान रानी रामपाल ने कहा कि ग्लासगो में 2026 में होने वाले खेलों से हॉकी को हटाना भारत के लिये बड़ा झटका है।लागत में कटौती के लिये ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेलों से हॉकी, निशानेबाजी और कुश्ती समेत नौ खेलों को हटा दिया गया है।
अपने सोलह वर्ष के सुनहरे कैरियर पर आज यहां भारत और जर्मनी की पुरूष टीमों के बीच मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम पर दूसरे टेस्ट के बाद विराम लगाने के बाद रानी ने भाषा से बातचीत में कहा , राष्ट्रमंडल खेलों से हॉकी को हटाना बहुत बड़ा झटका है। बहुत दुखदायक खबर है।राष्ट्रमंडल खेल भारत का बहुत फेवरिट रहता है।
उन्होंने कहा, मुझे मैनचेस्टर राष्ट्रमंडल खेल 2002 में मिले स्वर्ण ने काफी प्रेरित किया था। आज भी कई उदीयमान खिलाड़ियों के लिये यह प्रेरणास्रोत हो सकते थे। हमने सोचा भी नहीं था कि हॉकी को कभी इससे हटाया जायेगा। सिर्फ हॉकी ही नहीं बाकी सभी खेलों के लिये भी यह बुरी खबर है जिन्हें हटाया गया है।
उन्होंने कहा, राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का प्रदर्शन अच्छा रहता है। जब मैं इससे प्रेरित हुई तो आने वाले समय के कई खिलाड़ी भारत को पदक जीतते देखकर खेलने के लिये प्रेरित होंगे।
तोक्यो ओलंपिक में चौथे स्थान पर रही भारतीय टीम की कप्तानी करने वाली रानी ने हॉकी इंडिया से इस फैसले का विरोध करने की अपील की।उन्होंने कहा , हॉकी इंडिया और सभी खेल महासंघों को इसका विरोध करना चाहिये कि इन खेलों को वापिस लिया जायेगा। खिलाड़ियों का तो कोई कसूर नहीं है जो इतने साल से मेहनत कर रहे थे।
(भाषा )