शुक्रवार, 22 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खेल-संसार
  2. अन्य खेल
  3. समाचार
  4. Pangong frozen lake marathon : 120 runners from 7 countries run
Last Modified: बुधवार, 21 फ़रवरी 2024 (09:39 IST)

पैंगांग झील पर 21 किमी लंबी मैराथन, 7 देशों के 120 धावकों ने लिया हिस्सा

14 हजार 500 फुट की ऊंचाई पर है खारे पानी वाली पैंगाग झील

pangong lake
  • पैंगांग झील पर शायद आखिरी हो यह दौड़
  • ग्लोबल वार्मिंग के कारण अब जम नहीं रही झील
  • पर्यावरण बचाओ के नारे के साथ दौड़े धावक
Pangong frozen lake marathon: लगातार दूसरी बार 14 हजार 500 फुट की ऊंचाई पर स्थित दुनिया के सबसे बड़े खारे पानी के समुद्र अर्थात पैंगांग झील पर 21 किमी की मैराथन में दौड़ लगा लगा 7 देशों के 120 धावकों ने लोगों में रोमांच तो भरा ही है, साथ ही दुनिया को यह संदेश देने की कोशिश की है कि ग्लोबल वार्मिंग को अगर अभी नहीं थामा गया तो विनाश होगा।
 
दरअसल यह पहली बार था कि पैंगांग झील पूरी तरह से जम नहीं पाई थी जिसके बावजूद इस पर मैराथन का खतरा मोल लिया गया। सच में आप इस खबर मात्र से ही रोमांच से भर सकते हैं कि कैसे 120 लोगों ने करीब 14500 फुट की ऊंचाई पर स्थित इस झील पर दौड़ लगाई होगी। यह झील फिलहाल शून्य ये 25 डिग्री नीचे के तापमान के कारण कुछ ही जगहों पर इस बार जम पाई थी।

हालांकि चिंता इस बात की व्यक्त की जा रही है कि यह मैराथन इस झील पर आखिरी हो सकती है क्योंकि आशंका है कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण आने वाले सालों में यह शायद ही पुनः जम पाए।
 
pangong lake
मिलने वाले समाचारों के अनुसार, दुनिया के 7 अलग-अलग देशों के 120 से अधिक धावकों ने मंगलवार को दुनिया की सबसे ऊंची जमी हुई झील मैराथन - पैंगोंग फ्रोजन लेक मैराथन के दूसरे संस्करण में भाग लिया। प्रतिभागियों ने दौड़ की दो श्रेणियों -21 किमी और 10 किमी में भाग लिया।
 
खेल सचिव लद्दाख रविंदर कुमार इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। उनके साथ चुशुल निर्वाचन क्षेत्र के पार्षद कोंचोक स्टैनजिन भी थे। इस दौड़ के पीछे मुख्य उद्देश्य तेजी से पिघल रहे हिमालय के ग्लेशियरों के बारे में जागरूकता फैलाना है।

इस मैराथन को थिएस्ट्रन टाइटल दिया गया, जिसका अर्थ है कि ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव के कारण जमी हुई पैंगोंग झील पर यह आखिरी दौड़ हो सकती है। साथ ही इसके माध्यम से चांगथांग जैसी जगहों पर शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देना है।
 
पैंगोंग के आसपास स्थित गांवों जिनमें मान, मराक, स्पैंगमिक और फोब्रांग शामिल हैं के लोगों ने धावकों की मेजबानी के साथ-साथ इस कार्यक्रम में भाग लिया।
 
pangong lake
लद्दाख में भारत और चीन के बीच बंटी हुई विश्व प्रसिद्ध पैंगांग झील ने पिछले साल भी जब पहली बार जमी हुई झील मैराथन की मेजबानी की थी तो इस घटनाक्रम का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हो गया था। अधिकारियों के अनुसार, 21 किमी की मैराथन भारत में अपनी तरह की पहली मैराथन थी। मैराथन 14500 फीट की ऊंचाई पर हुई थी और इतनी ऊंचाई पर दुनिया में होने वाली यह अपनी तरह की पहली मैराथन थी।
 
पिछले साल इस मैराथन में शामिल होने वाले 75 लोगों ने एक दिवसीय कार्यक्रम के दौरान उस जमी हुई पैंगांग झील पर बर्फ की मोटी तह पर दौड़ लगाई थी जिसके किनारों पर चीन और भारत के करीब दो लाख सैनिक आमने-सामने हैं।
 
आयोजकों का कहना था कि अगर हम इस नजारे पर अभी ध्यान नहीं देंगे तो आने वाली पीढ़ी के लिए यह अतीत बन जाएगा। इस घटना को दुनिया की सबसे ऊंची जमी हुई झील मैराथन के तौर पर गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज किया गया था। यह हाफ मैराथन लद्दाख के लुकुंग गांव से शुरू होकर मन गांव में समाप्त हुई थी। सभी शामिल होने वालों को मैराथन पूरी करने में साढ़े तीन से 4 घंटों का समय लगा था।
 
दरअसल यह एडवेंचर स्पोर्ट्स फाउंडेशन आफ लद्दाख (एएसएफएल) के दिमाग की उपज थी, जिसने एक धूमिल वास्तविकता को उजागर करने के लिए इसे ‘द लास्ट रन’ का नाम दिया था। इसके आयोजकों का कहना था कि आने वाले वर्षों में दरअसल ग्लोबल वार्मिंग के कारण हिमालय के ग्लेशियरों की अनिश्चित स्थिति को देखते हुए, झील के कुछ हिस्से दौड़ के लिए अनुपयुक्त हो सकते हैं।
Edited by : Nrapendra Gupta 
ये भी पढ़ें
अगर Gautam Gambhir से मेरी लड़ाई......Manoj Tiwary ने KKR के पूर्व कप्तान को लेकर किया बड़ा खुलासा