भारत शूटआउट में जर्मनी से 3-4 से हारा, पेरिस के लिए क्वालीफाई करने के लिए जापान से भिड़ेगा
इस टूर्नामेंट की शीर्ष तीन टीमें पेरिस खेलों के लिए क्वालीफाई करेंगी। शुक्रवार को इस इवेंट के फाइनल में वर्ल्ड नंबर-5 जर्मनी का मुकाबला अमेरिका से होगा
Indian women's hockey India Germany : भारतीय महिला हॉकी टीम ने गुरुवार को यहां FIH Olympic Qualifier के दूसरे सेमीफाइनल में जुझारू जज्बा दिखाया लेकिन इसके बावजूद पेनल्टी शूटआउट (penalty shootout) के सबसे अहम चरण में हिम्मत हारकर जर्मनी से 3-4 से पराजित हो गयी।
दोनों टीमें निर्धारित समय में 2-2 की बराबरी पर रहीं जिससे मैच पेनल्टी शूटआउट में चला गया। इस जीत से जर्मनी ने पेरिस ओलंपिक (Paris Olympics) के लिए अपना टिकट पक्का कर लिया है।
भारत के लिये सांत्वना की बात यह है कि उसके पास ओलंपिक कोटा (Olympic Quota) पक्का करने का एक और मौका है। टीम शुक्रवार को तीसरे-चौथे स्थान के मैच में जापान को हराकर ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर सकती है।
इस टूर्नामेंट की शीर्ष तीन टीम पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करेंगी।
दुनिया की पांचवें नंबर की टीम जर्मनी शुक्रवार को फाइनल में अमेरिका से भिड़ेगी।
निर्धारित समय में भारत के लिए Deepika (15वें मिनट) और Ishika Chaudhary (59वें मिनट) ने गोल किये।
Germany के लिए दोनों गोल चार्लोट स्टेपनहॉर्स्ट (27वें, 57वें) ने दागे।
उम्मीद के अनुरूप जर्मनी ने शुरुआत से ही आक्रमण किया और धुंध भरी रात में भारतीय रक्षापंक्ति पर लगातार हमले किये। अपनी रणनीति पर चलते हुए जर्मनी ने भारत के सर्कल में कई बार सेंध लगायी।
पहले ही मिनट में जर्मनी को पेनल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन भारत द्वारा रिव्यू लेने के बाद इसे अस्वीकार कर दिया गया।
पर मेहमान टीम ने दबाव बनाए रखा और नौवें मिनट में एक और पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया। भारतीय कप्तान और गोलकीपर सविता पूनिया ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी संभाली।
भारतीय खिलाड़ियों ने भी जर्मनी के सर्कल में सेंध लगायी लेकिन फिनिशिंग में कमी रह गई।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान MS Dhoni भी मैच देखने पहुंचे हुए थे। उनके उत्साहवर्धन से घरेलू टीम ने जर्मन रक्षापंक्ति को परेशान करने के लिए गजब का जज्बा दिखाया।
पहले क्वार्टर के खत्म होने से सिर्फ 55 सेकंड पहले भारत को पहला पेनल्टी कॉर्नर मिला और दीपिका ने एक ताकतवर ड्रैगफ्लिक से बढ़त दिलाकर जर्मनी को हैरान कर दिया।
इस गोल के बाद आत्मविश्वास से लबरेज भारतीय खिलाड़ियों ने प्रतिद्वंद्वी रक्षापंक्ति पर लगातार हमले किये।
पर जर्मनी की टीम शांत बैठने वाली नहीं थीं, उसने पिछड़ने के बाद हमलों में इजाफा कर दिया।
भारत के मिडफील्ड में संयोजन की कमी दिखी और ढीली गेंद को दूर करने में असमर्थता उसे महंगी पड़ी। जर्मनी ने चार्लोट के मैदानी गोल से हाफ टाइम से तीन मिनट पहले ही बराबरी हासिल कर ली।
जर्मनों ने अपने प्रयास जारी रखे लेकिन भारतीय रक्षापंक्ति डटी रही।
तीसरे क्वार्टर से तीन मिनट पहले सविता ने ऐनी श्रोडर के प्रयास का शानदार बचाव किया।
भारत को 35वें मिनट में बढ़त लेने का शानदार मौका मिला लेकिन दीपिका के प्रयास को जर्मन की गोलकीपर जूलिया सोनटाग ने आसानी से रोक दिया।
कुछ सेकंड बाद जर्मनी को अपना दूसरा पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन भारतीय बैकलाइन बहुत मजबूत थी जिसने जर्मनी के कई प्रयासों को नाकाम किया।
अंत में भारतीय रक्षात्मक पंक्ति के लिए इन हमलों को संभालना मुश्किल हो गया।
चौथे क्वार्टर में तीन मिनट पहले ही चार्लोट ने अपना दूसरा गोल करके स्टेडियम में मौजूद दर्शकों को स्तब्ध कर दिया।
भारतीय खिलाड़ियों ने हार नहीं मानी और 59वें मिनट में लगातार पेनल्टी कॉर्नर हासिल किए। इसमें से दूसरे को इशिका ने रिबाउंड से गोल में डाल दिया और मैच शूटआउट में चला गया।
शूटआउट में सविता ने दो अच्छे बचाव किए लेकिन नवनीत कौर, नेहा गोयल, संगीता कुमारी और सोनिका के चूकने से जर्मनी मैच जीतने के साथ पेरिस ओलंपिक का टिकट हासिल करने में सफल रहा।