तोक्यो पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता अवनी लेखरा और सुमित अंतिल रविवार से शुरू होने वाले एशियाई पैरा खेलों में भारत के अब तक के सबसे बड़े दल का नेतृत्व करेंगे। सक्षम एथलीटों द्वारा ऐतिहासिक सफलता हासिल करने के एक पखवाड़े बाद शुरू हो रहे पैरा एशियाई खेलों से भी देश को रिकॉर्ड पदकों की उम्मीद होगी।
तोक्यो पैरालंपिक में स्वर्ण और कांस्य पदक जीतने वाली अवनि के साथ भाला फेंक खिलाड़ी अंतिल देश के सबसे बड़े पदक दावेदारों में से एक होंगे। अंतिल ने भी तोक्यो में स्वर्ण जीता था। पैरा निशानेबाज मनीष नरवाल के साथ-साथ बैडमिंटन खिलाड़ी प्रमोद भगत और कृष्णा नागर ने भी तोक्यो पैरालंपिक में शीर्ष स्थान हासिल किया था।
हांगझोउ पैरा एशियाई खेलों में रिकॉर्ड 313 भारतीय एथलीटों में शामिल होंगे। भारत इस आयोजन के 22 खेलों में से 17 में भाग ले रहा है। देश पहली बार रोइंग, कैनोइंग, लॉन बॉल, ताइक्वांडो और ब्लाइंड फुटबॉल में चुनौती पेश करेगा।
पैरा खेलों में 43 देशों के लगभग 4,000 एथलीट 566 स्वर्ण पदक स्पर्धाओं में 22 खेलों में प्रतिस्पर्धा करेंगे।पैरा एशियाई खेल मूल रूप से नौ से 15 अक्टूबर, 2022 तक होने वाले थे, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे एक साल के लिए स्थगित कर दिया गया था।
चीन अब तक हर सत्र में भारी अंतर से पदक तालिका में शीर्ष स्थान हासिल किया है। हांगझोउ खेलों में चीन के 439 खिलाड़ी भाग लेंगे।
पहला पैरा एशियाई खेल 2010 में चीन के ग्वांगझोउ में आयोजित किया गया था, जहां भारत एक स्वर्ण सहित 14 पदकों के साथ 15वें स्थान पर रहा था। 2014 और 2018 सत्र में भारत क्रमशः 15वें और नौवें स्थान पर रहा था। भारतीय पैरा खिलाड़ी इस बार सक्षम खिलाड़ियों से प्रेरणा लेकर पदक तालिका में ऊपर जाना चाहेगें।
तोक्यो पैरालंपिक में भाग लेने वाले 54 एथलीटों में से 51 हांगझोउ में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। भारत यहां अपने अब तक के सर्वश्रेष्ठ पदक की उम्मीद कर रहा है। भारत ने 2018 पैरा एशियाई खेलों में 72 पदक (15 स्वर्ण, 24 रजत, 33 कांस्य) जीते, जो अब तक का सर्वश्रेष्ठ है।
देश में खेल की नियामक संस्था भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) को 100 पदक के आंकड़े को छूने की उम्मीद है। यह आंकड़ा अगर हासिल होता है तो वे सक्षम खिलाड़ियों के आंकड़े के करीब पहुंचेंगे। भारत ने एशियाई खेलों में रिकॉर्ड 107 पदक जीता था।
पीसीआई महासचिव गुरशरण सिंह ने पीटीआई से कहा, इस बार भी यह एक रिकॉर्ड होगा। हम 100 पदक की उम्मीद कर रहे हैं।भारत को पदकों की उम्मीद इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि देश को निशानेबाजी और तीरंदाजी जैसे खेलों में 2018 में अधिक सफलता नहीं मिली थी लेकिन इस बार इन खेलों के खिलाड़ी शानदार लय में है। इसके साथ ही एथलेटिक्स, बैडमिंटन और शतरंज से भी अधिक पदक की उम्मीदें होगी।
(भाषा)