मेजबान होकर भी जूनियर हॉकी विश्वकप में ब्रॉन्ज मेडल तक नहीं जीत पाया भारत
भुवनेश्वर:41 साल बाद जब भारतीय हॉकी टीम ने ओलंपिक में जर्मनी को 5-4 से हराकर मेडल जीता था तो भारत में हॉकी पुनर्जीवित हो गई थी। अचानक खेल प्रेमियों में हॉकी को लेकर उत्सुक्ता बढ़ी। एक हॉकी टूर्नामेंट का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। सीनियर टीम की जगह जूनियर हॉकी विश्वकप देखने में ही रुचि लेने लगे।
आखिर भारत जूनियर हॉकी विश्वकप का गत विजेता भी था। लेकिन इस बार टीम ने काफी निराशाजनक प्रदर्शन किया। बेल्जियम को 1-0 से हराने के अलावा टीम के पास कोई खास उपलब्धि नहीं रही। भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में टूर्नामेंट की शुरुआत फ्रांस के हाथों हार से हुई और अंजाम भी वैसा ही हुआ।
फ्रांस से 1-3 से मैच हारी भारतीय टीमभारत ने रविवार को तीसरे स्थान के लिए खेले गए मैच में फ्रांस से 3-1 से हारने के बाद अपना FIH जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप 2021 अभियान चाैथे स्थान पर समाप्त किया। मेजबान होने के बावजूद ब्रॉन्ज मेडल ना जीत पाना स्टेडियम में बैठे दर्शकों को निराश कर गया। टीवी पर इस मैच को देख रहे दर्शकों का भी संडे खराब हो गया।
टिमोथी क्लेमेंट फिर बने भारत के लिए मुसीबतटिमोथी क्लेमेंट की शानदार हैट्रिक की बदौलत फ्रांस ने टूर्नामेंट में लगातार दूसरी बार भारत को पछाड़ा और तीसरे स्थान पर कब्जा किया। इससे पहले फ्रांस ने 24 नवंबर को टूर्नामेंट में अपने शुरुआती मुकाबले में भारत को 5-4 से हराया था।
तीसरे क्वार्टर में हुआ पहला गोलभुवनेश्वर के कलिंग स्टेडियम में रविवार शाम साढ़े चार बजे खेले गए मैच की शुरुआती कड़ी रही। दोनों ही टीमों ने पहले क्वार्टर में कड़ी चुनौती पेश करते हुए एक-दूसरे को एक भी गोल नहीं करने दिया। तीसरा क्वार्टर भी गोल रहित रहने की उम्मीद थी, लेकिन टिमोथी क्लेमेंट ने 26वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील कर फ्रांस को 1-0 से बढ़त दिलाई। इसी तरह उन्होंने तीसरे क्वार्टर की शुरुआत में 34वें मिनट में भी पेनल्टी कॉर्नर पर गोल दागा और बढ़त 2-0 कर दिया।
भारत चौथे क्वार्टर में कर पाया सिर्फ 1 गोलचौथे क्वार्टर की शुरुआत में हालांकि भारत ने पलटवार किया। सुदीप चिरमाको ने 42वें मिनट में शानदार फील्ड गोल दागते हुए भारत का खाता खोला और स्कोर को 2-1 किया, लेकिन टिमोथी ने 47वें मिनट में एक और गोल दाग कर भारत की मैच में वापस आने की उम्मीद को कम कर दिया।
इसके बाद कोई गोल नहीं हुआ और परिणामस्वरूप फ्रांस 3-1 से विजयी घोषित हुआ। फ्रांस ने इसी के साथ तीसरे स्थान पर रहते हुए अपना जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप 2021 अभियान समाप्त किया, जबकि गत विजेता भारत को चौथे स्थान पर संतोष करना पड़ा।
16 साल पहले जब अर्जेंटीना बना था चैंपियन तब भी भारत था चौथे स्थान परलौटारो डोमेन की शानदार हैट्रिक के दम पर अर्जेंटीना ने छह बार के विश्व चैंपियन जर्मनी को रविवार को कलिंगा स्टेडियम में 4-2 से हराकर 16 साल के लम्बे अंतराल के बाद जूनियर विश्व कप हॉकी खिताब जीत लिया। अर्जेंटीना ने दूसरी बार यह खिताब जीता है।
अर्जेंटीना ने पहली बार 2005 में हॉलैंड के रोटर्डम में ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से पराजित कर खिताब जीता था और इस बार उसने जर्मनी को चौंका दिया। दिलचस्प तथ्य है कि भारत 2005 में चौथे स्थान पर रहा था और इस बार भी उसे चौथा स्थान मिला।
डोमेन में 10वें, 25वें और 50वें मिनट में पेनल्टी कार्नर पर गोल कर अपनी हैट्रिक पूरी की। अर्जेंटीना का एक अन्य गोल फ्रांको अगस्तिनी ने मैच के आखिरी यानी 60वें मिनट में किया। जर्मनी के दो गोल जूलियस हेनर ने 36वें और मैसी फेन्ड्ट ने 47वें मिनट में किया। जर्मनी ने 47वें मिनट के गोल से बराबरी हासिल की लेकिन अर्जेंटीना ने 50वें और 60वें मिनट में दो गोल दागकर खिताब अपने नाम किया।