सख्त प्रोटोकॉल के बावजूद जूनियर हॉकी विश्वकप में सामने आया कोरोना का एक केस
भुवनेश्वर: कड़े प्रोटोकॉल के बावजूद यहां चल रहा जूनियर हॉकी विश्व कप कोरोना महामारी की चपेट में आ गया है और शुक्रवार को एक व्यक्ति पॉजिटिव पाया गया जो कलिंगा स्टेडियम पर मीडिया सेंटर के संपर्क में था।
बायो बबल के भीतर होने और इसकी कवरेज के लिये आये मीडिया की हर 48 घंटे में आरटी पीसीआर जांच होने के बावजूद गुरूवार को कराये गए टेस्ट में एक व्यक्ति पॉजिटिव पाया गया। स्थानीय आयोजन समिति के एक सदस्य के अनुसार यह व्यक्ति ओडिशा सरकार के खेल और युवा कार्य विभाग की सोशल मीडिया टीम का सदस्य है।
इस घटना से आयोजकों में दहशत फैल गई और सभी पत्रकारों के लिये शुक्रवार को आरटी पीसीआर टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया जिसके बिना उन्हें मीडिया सेंटर पर प्रवेश नहीं मिलेगा।
स्थानीय अधिकारी ने कहा , आज सभी के लिये आरटी पीसीआर अनिवार्य है जो मीडिया सेंटर आना चाहते हैं और बाकी टूर्नामेंट कवर करना चाहते हैं। हर 48 घंटे में टेस्ट हो रहा है लेकिन ओडिशा खेल विभाग की सोशल मीडिया टीम के एक सदस्य के पॉजिटिव पाये जाने के बाद यह अनिवार्य कर दिया गया है।
उन्होंने कहा ,वह रोज मीडिया सेंटर आ रहा था। उसके संपर्क में आये लोगों की पहचान की गई है। मीडिया सेंटर का इस्तेमाल करने वाले सभी लोगों के लिये टेस्ट अनिवार्य है।
25 नवंबर से शुरू हुए इस टूर्नामेंट में अभी तक कोई घटना नहीं हुई थी। इसे दर्शकों के बिना बायो बबल में आयोजित किया जा रहा है और मीडिया को भी कड़े कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना पड़ रहा है।
भारत के मैचों में हालांकि मैदान में दर्शक दिख रहे हैं। बेल्जियम के खिलाफ बुधवार को क्वार्टर फाइनल में करीब 3000 दर्शक थे।
राज्य के सूचना अधिकारी सुजीत रंजन स्वेन ने एक बयान में कहा , इनमें अधिकांश खेल होस्टल के छात्र, स्टाफ या कोच हैं। कुछ परिवार के साथ आये होंगे।कुछ परिवार परिसर में ही रह रहे हैं। भारतीय खिलाड़ियों के परिवार के भी 70-90 सदस्य थे। कुछ हॉकी इंडिया के प्रतिनिधियों के परिवार और कुछ पूर्व हॉकी खिलाड़ी भी थे।
टूर्नामेंट की शुरूआत से पहले ही आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड ने कोरोना महामारी के कारण नाम वापिस ले लिया था।
(भाषा)