कोच बनने के बाद 16 नंबर की गोलकीपर श्रीजेश की जर्सी हुई रिटायर
हॉकी इंडिया ने बुधवार को दिग्गज गोलकीपर पीआर श्रीजेश के सम्मान में उनकी जर्सी नंबर 16 को सीनियर टीम से रिटायर करने का फैसला किया। श्रीजेश ने हाल ही में संपन्न पेरिस खेलों में देश को लगातार दूसरा ओलंपिक कांस्य पदक दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के बाद खेल को अलविदा कह दिया।
हॉकी इंडिया के महासचिव भोला नाथ सिंह ने कहा कि भविष्य में किसी भी सीनियर टीम के खिलाड़ी को 16 नंबर की जर्सी नहीं दी जाएगी, हालांकि जूनियर स्तर पर यह जर्सी मिलेगी।
हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की ने इस अनुभवी खिलाड़ी के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि श्रीजेश ने आधुनिक भारतीय हॉकी के भगवान कहलाने का अधिकार अर्जित किया है।
भोला नाथ ने आधिकारिक तौर पर यह भी घोषणा की कि लगभग दो दशक तक देश का प्रतिनिधित्व करने वाले 36 वर्षीय श्रीजेश जूनियर राष्ट्रीय कोच की भूमिका निभाएंगे।
भोला नाथ ने श्रीजेश के सम्मान में आयोजित समारोह में कहा, श्रीजेश अब जूनियर टीम के कोच बनने जा रहे हैं और हम सीनियर टीम के लिए 16 नंबर की जर्सी रिटायर कर रहे हैं। हम जूनियर टीम के लिए 16 नंबर की जर्सी को रिटायर नहीं कर रहे।
उन्होंने कहा, श्रीजेश दूसरे श्रीजेश को जूनियर टीम में तैयार करेगा (श्रीजेश जूनियर टीम में अपने जैसे किसी खिलाड़ी को तैयार करेगा जो 16 नंबर की जर्सी पहनेगा)।
केरल के इस अनुभवी खिलाड़ी के सम्मान में समारोह में उपस्थित खिलाड़ियों ने एक जैसी लाल जर्सी पहनी हुई थी जिसके पीछे श्रीजेश का नाम लिखा हुआ था।
समारोह में पिस्टल निशानेबाज मनु भाकर भी मौजूद थीं जो स्वतंत्रता के बाद एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनी। मनु ने 10 मीटर एयर पिस्टल में कांस्य पदक जीतने के बाद सरबजोत सिंह के साथ 10 मीटर मिश्रित एयर पिस्टल टीम का कांस्य पदक भी जीता।
टिर्की ने श्रीजेश को खेल के प्रति उनकी सेवाओं के लिए धन्यवाद दिया।उन्होंने कहा, यह विदाई नहीं है बल्कि पीआर श्रीजेश की 18 वर्षों में भारतीय हॉकी में हासिल की गई उपलब्धियों और योगदान का जश्न है। श्रीजेश ने भारतीय हॉकी को जो कुछ दिया है उसके लिए उन्हें निश्चित रूप से आधुनिक भारतीय हॉकी का भगवान कहा जाना चाहिए।
(भाषा)