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Last Modified: बुधवार, 3 जनवरी 2024 (17:42 IST)

अब पदक विजेता पहलवानो ने भी बताया आंदोलनकारियों को फर्जी

एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेता एक पहलवान ने पत्र में लिखा

अब पदक विजेता पहलवानो ने भी बताया आंदोलनकारियों को फर्जी - Asian and Commonwealth games medalists calls out biasness of Protesting wrestlers
विभिन्न राज्यों के कई अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता पहलवानों ने बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक पर ‘फर्जी आंदोलन’ चलाने का आरोप लगाते हुए कुश्ती की विश्व में सर्वोच्च संस्था UWW से संपर्क कर निलंबित भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) की बहाली के लिए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है।

इन तीन पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाकर उन्हें गिरफ्तार करने के लिए चलाए गए आंदोलन का नेतृत्व किया था।

इस मामले की सुनवाई दिल्ली की एक अदालत कर रही है तथा बृजभूषण जमानत पर हैं।भाजपा के सांसद बृजभूषण और पहलवानों के बीच चल रही तनातनी के कारण लंबे समय से राष्ट्रीय शिविरों का आयोजन नहीं किया गया। अभी तदर्थ समिति डब्ल्यूएफआई का कामकाज देख रही है।

एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेता एक पहलवान ने पत्र में लिखा है,‘‘मैं आपको सूचित करना चाहती हूं कि इन तीन पहलवानों के फर्जी आंदोलन के कारण भारत में कुश्ती बर्बाद हो रही है। मैं एक महिला पहलवान हूं लेकिन मुझे कभी यौन उत्पीड़न का सामना नहीं करना पड़ा।’’

उन्होंने आगे लिखा,‘‘मुझे लगा था कि डब्ल्यूएफआई के चुनाव के बाद यह विवाद खत्म हो जाएगा लेकिन यह तीन पहलवान भारत में कुश्ती को बर्बाद करने का प्रयास कर रहे हैं। महिला पहलवान होने के नाते मैंने कई महिला पहलवानों से संपर्क किया लेकिन किसी ने भी इन तीन पहलवानों की बातों का समर्थन नहीं किया।’’


इस अर्जुन पुरस्कार विजेता पहलवान ने लिखा,‘‘मेरा यूडब्ल्यूडब्ल्यू से विनम्र अनुरोध है कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करके भारत में स्थायी महासंघ की स्थापना करे नहीं तो कुश्ती बर्बाद हो जाएगी।’’

गौरतलब है कि यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) ने समय पर चुनाव नहीं कराने के कारण 24 अगस्त को डब्ल्यूएफआई को निलंबित कर दिया था और भारतीय पहलवानों को पिछले साल विश्व चैंपियनशिप में तटस्थ खिलाड़ियों के रूप में भाग लेना पड़ा था।

महाराष्ट्र की एक जूनियर पहलवान ने यूडब्ल्यूडब्ल्यू के अध्यक्ष नेनाद लालोविच को लिखे अपने पत्र में लिखा है कि जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप का आयोजन नहीं होने से उनका करियर थम गया है।

इस पहलवान ने लिखा है,‘‘पिछले दो वर्षों से सब जूनियर और जूनियर प्रतियोगिताएं नहीं हुई हैं। पहलवानों को अपना कौशल दिखाने का मौका नहीं मिल रहा है क्योंकि तीन सीनियर खिलाड़ियों और तिस पर राजनीति के कारण बड़ा संकट पैदा हो गया है। कृपया भारतीय कुश्ती महासंघ को बहाल करके भारतीय पहलवानों के साथ न्याय करें।’ ’

दिलचस्प बात यह है कि जिस नाबालिग ने बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज की थी, उसने यूडब्ल्यूडब्ल्यू को पत्र लिखकर स्वीकार किया कि उसके पिता ने डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ फर्जी शिकायत दर्ज की थी। उसने यहां तक कहा कि पूनिया, फोगाट और मलिक के प्रभाव में आकर उसने ऐसा किया।

उसने लिखा है,,‘‘ यह सब फर्जी था। मेरे साथ कुछ भी गलत नहीं हुआ। मैं इन शीर्ष तीन पहलवानों के दबाव में आ गई थी लेकिन मुझे पता नहीं था कि वह वास्तव में मुझसे क्या चाहते हैं।’’

कई अन्य पहलवानों ने भी लिखा है कि पूनिया, फोगाट और मलिक के करियर में अब कुछ नहीं बचा है। वे विवादों में शामिल होने का खतरा उठा सकते हैं लेकिन उनके कारण अन्य पहलवानों के करियर पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।(भाषा)
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