मां के ओलंपिक चैम्पियन बनने के 50 साल बाद बेटे रयान कोचरन-सीगल ने जीता विंटर ओलंपिक में मेडल
बीजिंग:अमेरिका की बारबरा एन कोचरन ने 1972 में जापान के साप्पोरो में हुए शीतकालीन ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता और अब यहां चल रहे मौजूदा खेलों में उनके बेटे रयान कोचरन-सीगल ने यहां रजत पदक जीत कर परिवार की परंपरा को आगे बढ़ाया।
रयान ने मंगलवार को स्थानीय समय के मुताबिक दोपहर में जब सुपर जी स्पर्धा में पदक जीता तब अमेरिका के वेरमोंट के स्टार्क्सबोरो में रात के 11 बजे उनकी मां लैपटॉप पर उनके प्रदर्शन को देख रही थी।
महज दो साल की उम्र से स्कीइंग करने वाले रयान 2014 के बाद एल्पाइन वर्ग की किसी प्रतियोगिता में पदक जीतने वाले अमेरिका के पहले खिलाड़ी है।स्कीइंग से जुड़े खेलों में अमेरिका का प्रतिनिधित्व करने वाले रेयान प्रसिद्ध कोचरन परिवार के तीसरी पीढ़ी के खिलाड़ी है।
साप्पोरो शीतकालीन ओलंपिक के स्लैलम स्पर्धा में चैम्पियन रही बारबरा ने टेलीफोन पर दिये साक्षात्कार में कहा, मैं अपने बेटे का समर्थन करते हुए इतना जोर से चिल्ला रही थी कि मेरी बेटी की नींद आधी रात को टूट गयी। मैं प्रतिस्पर्धा के दौरान नर्वस थी लेकिन मुझे उस पर गर्व हुआ।
कोचरन-सीगल ने एक मिनट 19.98 सेकेंड का समय लिया और महज 0.04 सेकेंड के अंतर से स्वर्ण पदक जीतने से चूक गये। इसका स्वर्ण माथियास मायेर ने जीता। आस्ट्रिया के मायेर का यह तीसरा ओलंपिक स्वर्ण है।
(एपी)