Ganatantra divas ki visheshtayen: 26 जनवरी को हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं। इस दिन 1950 में भारत का संविधान लागू हुआ था। गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में लाल किले के सामने कर्तव्य पथ पर भव्य झांकियों के पहले परेड का आयोजन किया जाता है जिसे देखने के लिए देश विदेश से कई मेहमान, गणमान्य नागरिक और नेता लोग आते हैं। भूमि और आकाश में इस परेड का नजारा देखने लायक होता है। आइए जानते हैं परेड के बारे में 10 खास बातें।
1. परेड का टिकट कराएं बुक : गणतंत्र दिवस परेड को देखने के लिए ऑनलाइन टिकट बुक करना होती है। इसके लिए आपको रक्षा मंत्रालय की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर टिकट बुक करा सकते हैं। आप IDTC की ट्रैवल काउंटर, भारत सरकार के टूरिस्ट ऑफिस और DTDC के काउंटर से ऑफलाइन भी टिकट बुक कर सकते हैं। बगैर टिकट बुक कराए भी जा सकते हैं लेकिन उसके लिए आपको लास्ट में जगह मिलेगी।
2. परेड का टाइम : परेड का आयोजन सुबह 10 बजे से प्रारंभ हो जाता है जो दोपहर तक चलता है। यदि आपके टिकट बुक करा रखी है तो मौके पर 09:00 तक पहुंचना जरूरी है।
3. बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी : इस बार बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी पूरी तरह से स्वदेशी होगी। समारोह में बीटिंग रिट्रीट में जो भी धुनें बजाई जाएंगी वह स्वदेशी होंगी। बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में सेना के तीनों अंगों, बीएसएफ, राष्ट्रपति के गार्ड, एसीसी, स्काउट आदि के सशस्त्र अंग शामिल होते हैं तो कदमताल मिलाकर अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते हैं।
4. महिला ऑफिसर करेंगी लीड : इस बार गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार आर्मी, इंडियन नेवी और एयरफोर्स की महिला अग्निवीरों का जॉइंट दस्ता शामिल होगा। इन तीनों फोर्स की महिला ऑफिसर इस दस्ता को लीड करेंगी। ऐसा पहली बार होगा, जब आर्मी, इंडियन नेवी और एयरफोर्स की महिला ऑफिसर एक साथ परेड में लीड करेगी। अब तक ट्राई सर्विस दस्ता यानी तीनों सेनाओं का जॉइंट दस्ता गणतंत्र दिवस परेड में शामिल नहीं हुआ था।
5. राष्ट्रपति करते हैं ध्वजारोहण : गणतंत्र दिवस की शुरुआत राष्ट्रपति के काफिले के आगमन के साथ होती है। राष्ट्रपति अपनी विशेष कार से आते हैं, इनके आसपास उनके स्पेशल घुड़सवार अंगरक्षक चलते हैं। इसके बाद राष्ट्रपति महोदय या महोदय द्वारा ध्वजारोहण किया जाता है। उस समय विशेष घुड़सवार अंगरक्षक समेत वहां मौजूद सभी लोग सावधान की मुद्रा में शांत खड़े होकर तिरंगे को सलामी देते हैं। फिर राष्ट्रगान की शुरुआत होती है। राष्ट्रगान के दौरान 21 तोपों की सलामी दी जाती है।
6. जजों का सीट : सर्वश्रेष्ठ परेड की ट्रॉफी देने के लिए पूरे रास्ते में कई जगहों पर न्यायाधीशों को बैठाया जाता है। ये न्यायाधीश प्रत्येक दल को 200 मापदंडों पर नंबर देते हैं। इसके आधार पर सर्वश्रेष्ठ मार्चिंग दल का चुनाव होता है। बाद में झांकियों को पुरस्कार और ट्रॉफी दी जाती है।
7. झांकियां : गणतंत्र दिवस की परेड में हर राज्य की झांकियां निकलती हैं। इस बार 23 झांकियों में से 17 झांकियां विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की होंगी जबकि छह विभिन्न सरकारी मंत्रालयों और विभागों की होंगी। सभी झांकियों को अलग-अलग थीम पर सजाया गया है। झांकी लगभग 5 किमी/घंटा की गति से चलती है ताकि हर व्यक्ति इसे देख सके।
8. विशेष अतिथि : गणतंत्र दिवस समारोह में प्रति वर्ष किसी न किसी देश के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति या शासक को विशेष अतिथि के तौर पर सरकार द्वारा आमंत्रित किया जाता है। इस बार फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों समारोह में मुख्य अतिथि होंगे।
9. रक्षा मंत्रालय करता है आयोजन : गणतंत्र दिवस समारोह और परेड का आयोजन रक्षा मंत्रालय करता है। आयोजन में लगभग 70 अन्य विभाग व संगठन रक्षा मंत्रालय की मदद करते हैं। परेड के सुचारू संचालन के लिए सेना के हजारों जवान समेत अलग-अलग विभागों के भी काफी संख्या में लोग लगाए जाते हैं। सेना के हजारों जवाब और वायु सेना का यहां पर शक्ति प्रदर्शन होता है।
10. सांस्कृतिक कार्यक्रम : परेड में देश के स्कूलों के बच्चे भी अपनी शानदार प्रस्तुति देते हैं। इस दौरान रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होता है। राष्ट्रपति के हाथों बहादुर बच्चों को सम्मान भी मिलता है। परेड में बहादुर बच्चों की अलग से परेड होती है।