चारधाम यात्रा पर आना चाहते हैं तो करवा लीजिए कोरोना टेस्ट, राज्य सरकार ने जारी की गाइडलाइन
देहरादून। देहरादून के जिलाधिकारी ने एक बार फिर से कोरोना के मामलों में दिख रही तेजी के चलते जहां देहरादून में मास्क को अनिवार्य किया है वहीं उन्होंने मास्क नहीं पहनने पर 500 रुपए का जुर्माना लगाने के निर्देश दिए हैं। चारधाम यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना के चलते राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए प्रदेश में बाहर से आने वाले प्रत्येक यात्री की कोरोना जांच करवाने का भी फैसला लिया है। चारधाम यात्रा पर आने वाले हर यात्री का रजिस्ट्रेशन भी किया जाएगा।
उत्तराखंड की चारधाम यात्रा 3 मई से शुरू हो जाएगी। आगामी 3 मई को यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट खोल दिए जाएंगे जबकि 6 मई को केदारनाथ तो 8 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट भी दर्शन के लिए खोल दिए जाएंगे। चारधाम की यात्रा करने के इच्छुक लोगों जल्द से जल्द रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनसिंह रावत ने बताया है कि सरकार ने राज्य से बाहर के लोगों का कोरोना टेस्ट कराने के लिए प्रेरित करने और उनका टेस्ट करवाने का फैसला लिया है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनसिंह रावत ने कहा कि चारधाम यात्रा में आने वाले लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। प्रत्येक यात्री का रजिस्ट्रेशन भी अनिवार्य रूप से किया जाएगा।
धर्मसंसद को लेकर सख्ती : उत्तराखंड में हरिद्वार जिले के डाडा जलालपुर गांव में संतों द्वारा हिन्दू महापंचायत का ऐलान करने के बाद से पुलिस की सख्ती के चलते अब तक 9 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। रुड़की के डाडा जलालपुर गांव में इस धर्मसंसद को रोकने के लिए बुधवार को अधिकारियों सहित क्षेत्र में करीब 500 पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे।
गांव के 5 किलोमीटर के रेडियस में प्रशासन द्वारा धारा 144 लगाई गई है। गत 16 अप्रैल 2022 की रात हनुमान जयंती के अवसर पर डाडा जलालपुर गांव में शोभायात्रा निकालने के बाद शोभायात्रा पर हुए पथराव के बाद कई लोग घायल हो गए थे। बवाल के बाद कुछ संतों ने गांव में जाने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने रोक दिया। संतों ने इसके बाद 27 अप्रैल को प्राचीन शिव मंदिर पर महापंचायत करने की चेतावनी दी थी। पुलिस प्रशासन ने मंदिर के बाहर भारी पुलिस बल को तैनात कर दी।
डांडा जलालपुर में जिस तरह से महापंचायत की बात सामने आई उसको लेकर DM हरिद्वार ने साफ कर दिया है कि उनसे ना किसी ने अनुमति मांगी है और न ही किसी को अनुमति दी गई है। ऐसे में ऐसे किसी आयोजन को नहीं होने दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उत्तराखंड सरकार से धर्मसंसद में हेट स्पीच को रोकने के लिए उपाय करने को कहा था।
जस्टिस खानविलकर ने उत्तराखंड राज्य के एडवोकेट जनरल से कहा कि आपको तत्काल कार्रवाई करनी होगी। हमें कुछ कहने के लिए मत कहो। निवारक कार्रवाई के अन्य तरीके हैं। आप जानते हैं कि यह कैसे करना है!”जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस अभय श्रीनिवास ओका और जस्टिस सीटी रवि कुमार की पीठ पत्रकार कुरबान अली और वरिष्ठ अधिवक्ता अंजना प्रकाश (पटना उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश) द्वारा दायर उस आवेदन पर सुनवाई कर रही थी जिसमें धर्मसंसद की बैठक के दौरान कथित नफरत हेट स्पीच के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की मांग की गई थी।