उन्नाव में दरोगा जी थप्पड़ ना मारते तो पिटते नहीं किसान
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उन्नाव में ट्रांस गंगा प्रोजेक्ट के अंतर्गत अधिग्रहित की गई भूमि को लेकर किसानों ने मुआवजे को लेकर मोर्चा काफी लंबे समय से खोल रखा है और वह सरकार से उचित मुआवजे की मांग समय-समय पर करते रहे हैं लेकिन शनिवार को कुछ ऐसा हुआ जिसके चलते पूरा प्रशासन और किसान आमने-सामने आ गए। मौके पर मौजूद अन्य लोग सिर्फ यही कह रहे थे कि दरोगा जी ने थप्पड़ न मारा होता तो शायद इतना कुछ ना हुआ होता।
शनिवार को इस विवाद में पत्थर चले और पुलिस वालों ने जमकर लाठियां भांजीं। क्या बूढ़े, क्या बच्चे, क्या जवान और क्या औरतें पुलिस की लाठियां सब पर एक समान चल रही थीं लेकिन जो किसान लंबे वक्त से शांतिपूर्वक मुआवजे की मांग कर रहे थे, ऐसा क्या हुआ कि उन्हें हिंसा का सहारा लेना पड़ा?
सूत्रों की मानें तो मौके पर मौजूद मुआवजे की मांग कर रहे किसानों को एडीएम और एएसपी समझाने की कोशिश में जुटे थे। इसी बीच एक युवक किसान गुस्से में आकर अपनी बात अधिकारियों से कह रहा था। तभी पास में खड़े एक दारोगा ने युवक को धक्का मारते हुए पीछे गिरा दिया। वहीं पास में खड़े एक बुजुर्ग किसान ने जब इसका विरोध किया तो दरोगा ने गुस्से में आकर बुजुर्ग किसान को थप्पड़ जड़ दिया। बस, फिर क्या था किसानों ने भी अपना आपा खो दिया और जमकर पत्थर चलने लगे।
इस मामले में सामने से एक या 2 ही पत्थर चले थे कि पुलिस ने अपना आपा खो दिया और दौड़ा-दौड़ा कर प्रदर्शन कर रहे किसानों को पीटना शुरू कर दिया। पुलिस वाले यह भी भूल गए कि प्रदर्शन कर रही इस भीड़ में बुजुर्ग महिलाएं बच्चे व नवयुवक भी हैं। पुलिस ने जमकर लाठियां भांजीं और जो भी मिला उसे बुरी तरह से पीटा, जिसके बाद पुलिस और किसान खुलकर आमने-सामने आ गए।
लंबे समय से शांतिपूर्वक मुआवजे की मांग कर रहे किसान इतने उग्र हो गए कि उन्हें संभालना पुलिस के बस में नहीं था और पुलिस को आसपास के थानों से फोर्स के साथ पीएसी की भी मदद लेनी पड़ी।