• Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. प्रादेशिक
  4. Three arrested in Police recruitment exam in Mathura
Written By
Last Updated :मथुरा , बुधवार, 20 जून 2018 (12:40 IST)

पुलिस भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़ा, दूसरों की जगह परीक्षा दे रहे तीन लोग गिरफ्तार

पुलिस भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़ा, दूसरों की जगह परीक्षा दे रहे तीन लोग गिरफ्तार - Three arrested in Police recruitment exam in Mathura
फाइल फोटो 
मथुरा। उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में पुलिस की सीधी भर्ती के लिए चल रही लिखित परीक्षा के दौरान तीन ऐसे फर्जी अभ्यर्थियों को पकड़ा गया है जो किन्हीं और के नाम पर परीक्षा दे रहे थे। तीनों बिहार के भिन्न-भिन्न जनपदों के निवासी हैं।
 
पुलिस ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया है। उन अभ्यर्थियों के खिलाफ भी कार्यवाही की जा रही है जिन्होंने अपने प्रवेश पत्र व पहचान पत्र आदि देकर उन्हें अपने स्थान पर परीक्षा देने भेजा था।
 
पुलिस के अनुसार पुलिस भर्ती परीक्षा के दूसरे दिन मंगलवार को कड़ी सुरक्षा, बायोमेट्रिक हाजिरी के बावजूद तीन युवक दूसरों के नाम पर परीक्षा देने पहुंच गए। कड़ी चेकिंग में फोटो और नाम का मिलान न हो पाने पर संदेह हुआ तो पूछताछ की गई। तीनों ही फर्जी अभ्यर्थियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
 
पहला मामला गिर्राज महाराज कालेज में सुबह की पाली में सामने आया। जहां हस्ताक्षर न मिलने पर पुलिस अधिकारियों ने एक युवक से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने अपना नाम अश्विनी कुमार, निवासी भागलपुर (बिहार) बताया। वह स्नातक है और तीस हजार रुपए में अलीगढ़ के खैर कस्बा निवासी निवेश कुमार के स्थान पर परीक्षा देने आया है।
 
शाम को दूसरी पाली में दूसरा युवक भी इसी कॉलेज में पकड़ में आया। वह अलीगढ़ के ही गौंडा निवासी जितेंद्र कुमार के नाम पर दस हजार रुपए में परीक्षा देने आया था। उसका नाम विनोद कुमार, निवासी जिला रोहतास (बिहार) है। उसके फोटो का मिलान नहीं हो पाया था।
 
तीसरा सॉल्वर बीएसए इंजीनियरिंग कॉलेज में दबोचा गया। जो बुलंदशहर निवासी शिवा गोस्वामी के नाम पर परीक्षा देने आया था। वह बिहार के मधुबनी जिले का उमेश निकला, जिसने फर्जी परीक्षा के एवज में बीस हजार रुपए एडवांस लेना कुबूल किया है।
 
भागलपुर के अश्वनी कुमार ने पुलिस को यह भी बताया है कि बिहार से करीब 12-14 युवक इसी तरह यहां परीक्षा देने आए हैं। वह अलग-अलग कालेजों में किसी दूसरे के नाम पर परीक्षा दे रहे हैं। उन्हें इस काम के एवज में दस से तीस हजार रुपए दिए गए हैं। उनमें से कई पहले ही दिन परीक्षा देकर अपने घर लौट चुके हैं।
 
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी ने अन्य जनपदों में भी बिहार से आए सॉल्वरों के पकड़े जाने से बिहार के किसी रैकेट के शामिल होने की संभावना से इंकार नहीं किया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में अन्य स्थानों से इनपुट लेकर इस दृष्टिकोण से भी जांच की जाएगी। (भाषा)