अघोषित कर्फ्यू पाबंदियों के बीच सईद अली शाह गिलानी सुपुर्द-ए-खाक
जम्मू। पूरी कश्मीर वादी में अघोषित कर्फ्यू पांबदियों और इंटरनेट को बंद कर जम्मू कश्मीर के सबसे बड़े अलगाववादी नेता सईद अली शाह गिलानी को आज गुरुवार को सुबह 5 बजे ही सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। मिली जानकारी में अंतिम संस्कार सुबह 5 बजे श्रीनगर के हैदरपोरा में हुआ। गिलानी का परिवार चाहता था कि उन्हें सुबह 10 बजे के करीब दफनाया जाए। वे रिश्तेदारों को अंतिम संस्कार में बुलाना चाहते थे लेकिन इसकी इजाजत नहीं दी गई।
जम्मू कश्मीर में 3 दशकों से अधिक समय तक अलगाववादी मुहिम का नेतृत्व करने वाले सईद अली शाह गिलानी का रात 10.30 बजे निधन हो गया था और उसके बाद हालातों पर सुरक्षाधिकारी नजर रखे हुए थे। इन्हीं के चलते कश्मीर घाटी में अघोषित कर्फ्यू की पाबंदियां लगाई गई हैं। साथ ही इंटरनेट को भी बंद कर दिया गया है। ऐसा किसी भी तरह की अफवाह को फैलने से रोकने के लिए किया गया है। कश्मीर के मुख्य कस्बों में हिंसा के आशंका के चलते चप्पे-चप्पे पर जवानों को तैनात किया गया है।
आईजीपी कश्मीर विजय कुमार ने बताया कि पूरी घाटी में पाबंदियां लगाने के साथ ही मोबाइल इंटरनेट सेवा स्थगित कर दी गई है। इस बीच दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग से हुर्रियत नेता तथा जम्मू कश्मीर पीपुल्स लीग के अध्यक्ष मुख्तार अहमद वाजा को देर रात गिरफ्तार कर लिया गया। गिलानी के निधन के बाद पूरी घाटी में अलर्ट कर दिया गया। पुलिस तथा सुरक्षा बलों की संवेदनशील स्थानों पर तैनाती कर दी गई है। सभी जिलों के एसएसपी को कानून व्यवस्था बनाए रखने की हिदायत दी गई है। गिलानी के परिवार वाले चाहते थे कि श्रीनगर के शहीदी कब्रगाह में उन्हें दफनाया जाए, लेकिन उन्हें हैदरपोरा में दफना दिया गया। उधर उत्तरी कश्मीर के लोगों से संयम बरतने की पुलिस ने अपील की है। लोगों से श्रीनगर की ओर न जाने की सलाह दी है।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर गिलानी के निधन पर दुख जताया। ट्वीट में उन्होंने लिखा कि गिलानी साहब के निधन से दुखी हूं। हम अधिकतर बातों पर सहमत नहीं होते थे लेकिन मैं उनका सम्मान करती थी। अल्लाह उनको जन्नत में जगह दें। मैं उनके परिवार और शुभचिंतकों के प्रति संवेदना प्रकट करती हूं।