पत्रकार चंदन मित्रा का निधन, ऐसा था पत्रकारिता से लेकर राजनीति तक का सफर
नई दिल्ली, राज्यसभा के पूर्व सांसद और पत्रकार चंदन मित्रा का बुधवार देर रात राजधानी दिल्ली में निधन हो गया है। उनके बेटे कुशान मित्रा ने इस बात की जानकारी देकर उनके निधन की पुष्टि की है।
मित्रा जाने माने पत्रकार और पायनियर के संपादक भी रहे। पत्रकारिता करने के साथ ही वे राजनीति में भी दिलचस्पी रखते थे। चंदन मित्रा भाजपा के कोटे से राज्यसभा पहुंचे थे। लेकिन साल 2018 में उन्होंने बीजेपी छोड़कर ममता बनर्जी की पार्टी टीमएसी ज्वाइन कर ली थी। चंदन मित्रा के निधन पर कई बड़े नेताओं ने शोक जताया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके लिखा है,
श्री चंदन मित्रा जी को उनकी बुद्धि और अंतर्दृष्टि के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने मीडिया के साथ-साथ राजनीति की दुनिया में भी अपनी पहचान बनाई। उनके निधन से आहत हूं। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना। शांति
बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद स्वपन दासगुप्ता ने चंदन मित्रा के साथ तस्वीर शेयर करके लिखा है,
'मैं 1972 में एक स्कूल यात्रा के दौरान मेरे साथ चंदन मित्रा की एक तस्वीर पोस्ट कर रहा हूं। खुश रहो मेरे प्यारे दोस्त तुम जहां भी हो'
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा,
'मैंने आज सुबह अपने सबसे करीबी दोस्त पायनियर के संपादक और पूर्व सांसद चंदन मित्रा को खो दिया। हम ला मार्टिनियर के छात्र के रूप में एक साथ थे और सेंट स्टीफंस और ऑक्सफोर्ड गए। हम एक ही समय में पत्रकारिता में शामिल हुए और अयोध्या और भगवा लहर के उत्साह को साझा किया'
चंदन मित्रा पायनियर अखबार के संपादक थे। साल 2003 से 2009 तक राज्यसभा के मनोनित सांसद रहे। वह 2010 में भी राज्यसभा के लिए चुने गए। साल 2018 में उन्होंने टीएमसी ज्वाईन कर ली। चंदन मित्रा लेखक भी थे, उन्होंने किताबें भी लिखी हैं। लेकिन एक पत्रकार के रूप में वे अधिक जाने जाते रहे हैं।