मंगलवार, 26 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. प्रादेशिक
  4. shivsena ubt says, 9 MP and 22 MLA can leave eknath shinde
Written By
Last Modified: मंगलवार, 30 मई 2023 (14:39 IST)

महाराष्‍ट्र की राजनीति में फिर उबाल, 22 विधायक और 9 सांसद छोड़ सकते हैं एकनाथ शिंदे का साथ

महाराष्‍ट्र की राजनीति में फिर उबाल, 22 विधायक और 9 सांसद छोड़ सकते हैं एकनाथ शिंदे का साथ - shivsena ubt says, 9 MP and 22 MLA can leave eknath shinde
Maharashtra Political News : महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (UBT) ने दावा किया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के नेतृत्व वाली शिवसेना के 22 विधायक और 9 सांसद भाजपा के सौतेले व्यवहार के कारण घुटन महसूस कर रहे हैं और वे पार्टी छोड़ सकते हैं।
 
शिवसेना सांसद गजानन कीर्तिकर द्वारा उनकी पार्टी के साथ सौतेला व्यवहार किए जाने संबंधी बयान दिए जाने के बीच शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित लेख में शिंदे समूह के विधायकों एवं सांसदों को भाजपा के पिंजरे में कैद मुर्गे- मुर्गियां करार दिया और कहा कि इनके ‘‘गले पर कब छुरियां चल जाएं, इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता।
 
पार्टी ने कहा कि उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना (उस समय अविभाजित) ने इसी असहनीय सौतेले व्यवहार के कारण और अपनी सुरक्षा एवं आत्म सम्मान के लिए 2019 में भाजपा के साथ संबंध तोड़ लिए थे।
 
ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 2019 में राजग से नाता तोड़ लिया था और उसने महाराष्ट्र में सरकार गठित करने के लिए कांग्रेस और NCP के साथ हाथ मिलाया था।
 
शिवसेना में पिछले साल फूट पड़ने के बाद शिंदे के गुट ने भाजपा के साथ हाथ मिला लिया था और इसके बाद वह मुख्यमंत्री बन गए थे।
 
मुंबई से लोकसभा के सदस्य कीर्तिकर ने कहा था कि हम राजग का हिस्सा हैं... इसलिए हमारा काम उसी हिसाब से होना चाहिए और राजग घटक दलों को (उपयुक्त) दर्जा मिलना चाहिए। हमें लगता है कि हमारे साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।
 
‘सामना’ में मंगलवार को प्रकाशित लेख में कहा गया कि इस प्रकार की खबरें है कि शिंदे समूह के 22 विधायक और नौ सांसद भाजपा के सौतेले व्यवहार के कारण घुटन महसूस कर रहे हैं और वे इस गुट से बाहर निकलने की मन: स्थिति में हैं।
 
पार्टी ने कहा कि शिवसेना के सांसदों एवं विधायकों ने ठाकरे परिवार को धोखा देकर भाजपा से हाथ मिला लिया, लेकिन एक ही साल में उनका मोहभंग हो गया और उनके अलग होने की बात होने लगी है।
 
कीर्तिकर ने पिछले सप्ताह कहा था कि शिवसेना ने 2019 में महाराष्ट्र की (48 में से) 22 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ा था और शिवसेना एवं भाजपा द्वारा लागू किया गया सीट बंटवारे का यह फॉर्मूला 2024 के लोकसभा चुनाव में भी बरकरार रहेगा।
 
संपादकीय में दावा किया गया कि शिवसेना ने लोकसभा में 22 सीट पर खड़े होने की मांग की थी, लेकिन भाजपा उसे पांच से सात सीट से अधिक नहीं देगी। उसने कहा कि शिवसेना का 22 सीट पर चुनाव लड़ने का दावा हास्यास्पद है।
 
संपादकीय में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए दावा किया गया कि वह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के वाहन के चालक बन गए हैं, जिसका मतलब है कि राज्य सरकार की सभी शक्तियां भाजपा नेता के पास हैं। (भाषा)