पांच व्यक्तियों की भीड़ के हाथों हत्या के बाद वीरान पड़ा है राईनपाड़ा गांव
राईनपाड़ा (महाराष्ट्र)। महाराष्ट्र के सुदूरवर्ती राईनपाड़ा गांव में पांच दिन पहले पांच व्यक्तियों की भीड़ के हाथों पीट-पीट कर हत्या किए जाने की बर्बर घटना के बाद गांव में हर ओर मायूसी और अजीब-सी खामोशी पसरी है।
गांव में 750 लोगों की आबादी है, लेकिन घटना के बाद बदले हालात में अब वहां महज कुछ गिनेचुने बुजुर्ग और कुछ महिलाओं को ही देखा जा सकता है। दरअसल भीड़ के हाथों पीट-पीट कर हत्या किए जाने की घटना के बाद पुलिस जांच में तेजी देख यहां के नौजवान गांव छोड़कर भाग गए हैं।
बीते रविवार को बच्चा चोरी के संदेह में यहां भीड़ ने पांच आदिवासियों की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। इस घटना ने देश को झकझोरकर रख दिया, क्योंकि यह सोशल मीडिया द्वारा फैलाए गए अफवाहों से पनपा एक और बर्बर मामला था। जो वीडियो वायरल हुआ था, उसमें पांचों पीड़ितों में एक व्यक्ति छह साल की एक बच्ची से बात करने की कोशिश करते दिख रहा था। इसके बाद लोगों ने इन सभी को दबोच लिया, उन पर पत्थर बरसाए और छड़ी से पिटाई की।
पुलिस ने इस संबंध में अब तक 23 लोगों को गिरफ्तार किया है और इस सुदूरवर्ती गांव में घटना में शामिल अन्य लोगों की तलाश कर रही है। यह गांव गुजरात की सीमा से सटा है और धुले जिला मुख्यालय से करीब 100 किलोमीटर दूर है।
गांव की रहने वाली 72 वर्षीय दगुबाई गायकवाड़ बड़े मायूसीभरे शब्दों में कहती हैं, रविवार के बाद घर के मर्द हमें छोड़कर चले गए और तब से उनसे हमारा कोई संपर्क नहीं है। सिर्फ कुछ औरतें और कुछ बुजुर्ग ही अब यहां रह गए हैं। उन्होंने कहा, चूंकि घर में कोई नौजवान नहीं है, ऐसे में कोई नहीं जो खाने और पीने के पानी का इंतजाम करे।
अधिकतर घरों में ताला लटका है और गांव की गलियां वीरान हैं। सिर्फ मवेशियों और जानवरों को इधर-उधर भटकते देखा जा सकता है। गांव की पंचायत समिति के सदस्य विश्वास गंगुर्डे ने बताया कि गांव में 750 लोगों की आबादी है लेकिन अब सिर्फ कुछ ही पुरुष और महिलाएं ही बचे हैं। धुले के पुलिस अधीक्षक एम रामकुमार ने कहा कि पुलिसकर्मी बुजुर्गों और महिलाओं को खाद्य सामग्री वितरित करने की कोशिश कर रहे हैं। (भाषा)