सुप्रीम कोर्ट के आदेश 40 घरों को गिराने पहुंची टीम, पुलिस ने महिला को धक्का देकर हाईवे पर गिराया
सुप्रीम कोर्ट के आदेश मिलते ही रुद्रप्रयाग की PWD टीम पुलिस-प्रशासन को लेकर रुद्रपुर के भगवानपुर कोलड़ा गांव में पहुंची। इस गांव के 40 परिवारों से जमीन खाली करवाने के लिए जेसीबी मशीनों को लाया गया। कोर्ट के निर्देश के बाद एक दर्जन घरों को उजाड़ दिया गया। अपने घरों को ढहता हुए देखकर भगवानपुर कोलड़ा गांव के लोगों ने विरोध किया।
आरोप है कि जब एक घर को तोड़ा जा रहा था तो उसमें रहने वाले युवक ने पत्थर फेंक दिया और पत्थर जेसीबी चालक को लग गया। इसके बाद पुलिस ने आपा खोते हुए युवक को पकड़कर पिटाई लगा दी। महिलाओं ने पकड़े गए युवक को छुड़ाने का प्रयास किया तो रुद्रपुर कोतवाल धीरेंद्र ने महिला की छाती पर हाथ मारकर धक्का दे दिया, जिस पर लोग बिखर पड़े, जिस समय यह घटनाक्रम घटित हो रहा था, वहां विधायक शिव अरोरा भी मौजूद थे। विधायक महोदय पुलिस के कृत्य को देखकर हतप्रभ रह गए और वे महिलाओं के साथ अभद्रता करने वाले पुलिसकर्मियों के पीछे भागे।
विधायक शिव अरोरा का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में था, पिछले 3 साल से यहां के लोग कोर्ट से न्याय की उम्मीद में थे, PWD लगातार इन्हें नोटिस दे रही थी, पांच महीने पहले भी पीडब्ल्यूडी कार्रवाई के लिए यहां आई थी, उस दिन 5 लड़कियों की शादी थी, तब मैने समझाया था कि मामला कोर्ट में विचाराधीन है, निर्णय आने दे। सुप्रीम कोर्ट से निर्णय 40 परिवारों के पक्ष में नहीं आया। यह लोग केस हार गए। कोर्ट ने बस्ती खाली करवाने के आदेश दे दिए। पुलिस प्रशासन के लोग आदेश मिलते ही जेसीबी मशीन के साथ आकर घर उजाड़ने लगे।
हालांकि हाईकोर्ट के आदेश है कि इन घरों में रहने वाले परिवारों को घर खाली करने के लिए 24 घंटे का समय दिया जाए ताकि यह अपना सामान सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दें, अपने रहने की व्यवस्था कर लें। लेकिन अधिकारियों ने बिना 24 घंटे का समय दिए घरों पर जेसीबी मशीन चला दी यह गलत है। इन्हें सामान उठाने का समय दिया जाना चाहिए था। विधायक ने डीएम से शिकायत करते हुए बताया कि उनकी मौजूदगी में महिलाओं से पुलिस ने अभद्रता की है। ये लोग रात में अपने बच्चों को लेकर कहां जाएंगे, इसलिए आज अशियाने तोड़ने की कार्रवाई को रोका जाए और अभद्रता करने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जाए।