मकर संक्रांति पर ओडिशा में लोगों ने नदियों में स्नान व मंदिरों में किए दर्शन
makar sankranti: समूचे ओडिशा (Odisha) में सोमवार को मकर संक्रांति (Makar Sankranti) का त्योहार मनाया गया और लोगों ने तालाबों, नदियों में स्नान किया तथा मंदिरों में दर्शन किए। ओडिशा के राज्यपाल रघुबर दास और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने लोगों को इस अवसर पर शुभकामनाएं दीं।
पटनायक ने 'एक्स' पर पोस्ट किया कि मकर संक्रांति के अवसर पर बहुत बहुत शुभकामनाएं और बधाई। भगवान श्री जगन्नाथ के आशीर्वाद से हर किसी का जीवन खुशियों और खुशहाली से भरा रहे। बड़ी संख्या में श्रद्धालु 'मकर चौरासी बेशा' से सुशोभित भगवान जगन्नाथ (Lord Jagannath) और उनके भाई-बहनों के दर्शन के लिए पुरी पहुंचे। मकर संक्रांति के अवसर पर भगवान जगन्नाथ और अन्य देवी-देवताओं को फूलों के विशेष परिधान से सुशोभित किया जाता है जिसे 'मकर चौरासी बेशा' कहते हैं।
त्योहार खुर्दा जिले के अत्री में हटकेश्वर मंदिर, कटक में धबलेश्वर मंदिर और बालासोर में मकर मुनि मंदिर सहित कई अन्य मंदिरों में भी भव्य तरीके से मनाया जाता है। राज्य की राजधानी भुवनेश्वर में लोगों ने भगवान लिंगराज मंदिर में पूजा-अर्चना की। कई लोगों को बिंदु सागर झील में डुबकी लगाते देखा गया।
इस अवसर पर कोणार्क के सूर्य मंदिर ने भी कई उपासकों को आकर्षित किया। यह त्योहार सर्दियों के अंत और वसंत की शुरुआत का प्रतीक है, क्योंकि सूर्य उत्तरायन होकर कर्क रेखा की ओर बढ़ता है। कटक और इस्पात नगरी राउरकेला में लोगों ने रंग-बिरंगी पतंगें उड़ाकर त्योहार मनाया।
मयूरभंज और क्योंझर जिलों में इस दिन कुछ आदिवासी समुदायों की युवतियां टुसू त्योहार (जिसे टुसु परब भी कहा जाता है) मनाती हैं। बड़ी संख्या में तेलुगु आबादी वाले दक्षिण ओडिशा के गंजम, गजपति, रायगढ़ा और कोरापुट जैसे जिलों में लोगों ने अपने अपने घरों के सामने रंग-बिरंगी रंगोली सजाई और पोंगल मनाया।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta