निम पर्वतारोहियों ने किया कमाल, माणा में 11 अनचढ़ी और अनाम चोटियों पर फतह पाई
देहरादून। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में स्थित नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) के प्रधानाचार्य कर्नल अंशुमान भदौरिया के नेतृत्व में 20 पर्वतारोहियों के एक दल ने माणा के सीमांत क्षेत्र में 8 दिनों में 11 अनचढ़ी और अनाम चोटियों पर फतह हासिल की है। पर्वतारोहण के क्षेत्र में यह एक नया इतिहास है।
निम के रजिस्ट्रार प्रवीण कुमार ने बताया कि कर्नल भदौरिया के नेतृत्व में दल ने बहुत बारीकी से अपनी चढ़ाई की योजना बनाई ताकि खराब मौसमी दशाओं जैसे तेज हवाओं, बर्फवारी और तापमान में उतार-चढ़ाव से उनका अभियान प्रभावित न हो।
उन्होंने बताया कि दल ने 6000 मीटर से ऊंची 5 चोटियों पर केवल 8 घंटे में चढ़ाई की जबकि सभी 11 चोटियों पर फतह पाने में उन्हें आठ दिन लगे। पर्वतारोहण के इतिहास में ये दो नए रिकॉर्ड हैं।
कुमार ने कहा कि यह उपलब्धि न केवल टीम के तकनीकी कौशल और शारीरिक फिटनेस बल्कि उनके उल्लेखनीय टीम वर्क और दृढ़ संकल्प को भी दर्शाती है।
चमोली जिले में भारत-चीन सीमा के पास उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित माणा लंबे समय से साहसिक गतिविधियों के प्रति लोगों को आकर्षित करता रहा है। हालांकि, क्षेत्र के ऊबड़-खाबड़ और विषम होने के कारण पहले इन चोटियों पर कभी भी चढ़ाई नहीं की गई थी।
उन्होंने कहा कि यह अभियान कई कारणों से महत्वपूर्ण है। इसने माणा क्षेत्र की अब तक दुनिया के लिए अंजान रही सुंदरता को प्रदर्शित किया, भारत की पर्वतारोहण विरासत में एक गौरवपूर्ण अध्याय जोड़ा और नए पर्वतारोहियों के लिए भी यह प्रेरणा का काम करेगी।
निम के एक अधिकारी ने बताया कि चोटियों के सीमांत क्षेत्र में स्थित होने के कारण संबंधित मंत्रालयों से अनुमति ली गयी और उसके बाद इस जानकारी को साझा किया गया।
कैप्टन जी संतोष कुमार, प्रशिक्षक राकेश राणा, विनोद गुसाईं, सौरव सिंह, अनूप पंवार, हजारी लाल, बहादुर पान, रविंद्र सिंह, अजीत रावत, नवप्रभात, हिमांशु जोशी, पंकज पंवार, मुनेंद्र राणा और सूर्या रावत भी दल में शामिल थे।
Edited by : Nrapendra Gupta