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Last Updated :पटना , सोमवार, 31 जुलाई 2017 (08:55 IST)

'जय श्रीराम' पर विवाद के बाद मंत्री खुर्शीद आलम ने मांगी माफी

'जय श्रीराम' पर विवाद के बाद मंत्री खुर्शीद आलम ने मांगी माफी - Minister Khurshid Firoz Ahmed
गन्ना उद्योग और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद ने दो दिन पहले ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाने के बाद दिए बयान पर विवाद होने के बाद माफी मांगी है।
 
इमारत-ए-शरिया के मुफ्ती सौहैल अहमद कासमी द्वारा इस बयान को गैर इस्लामिक करार देने और मुस्लिम समुदाय के विरोध के मद्देनजर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश के बाद रविवार को मंत्री खुर्शीद ने माफी मांग ली। उन्होंने कहा कि मेरे बयान से किसी की भावना को ठेस पहुंची है, तो मैं उनसे माफी मांगता हूं। मेरी नीयत और आवाज को जाने बिना मेरे ऊपर आरोप लगाए गए। 
 
मेरे बयान को राजनीतिक रूप दे दिया गया, जबकि उसमें ऐसा कुछ नहीं था, जिसे तूल दिया जा सके। उन्होंने कहा कि एक में उलझ कर 99 को डिस्टर्ब नहीं करना चाहता हूं, इसलिए मुख्यमंत्री के कहने पर मैंने माफी मांग ली। हमारे नेता का सिद्धांत व वसूल है। जनमत के लिए वह काम करते हैं और जो लोगों के लिए अच्छा हो, उसे करते हैं। उन्होंने इस तरह के बयान से बचने की भी सलाह दी है, जिसमें किसी को भावना को ठेस पहुंच सकती है।
 
एक मुस्लिम संगठन इमरत-ए-शरिया के एक मुफ्ती ने 'जय श्री राम' का नारा लगाने को लेकर आलम के खिलाफ उन्हें समाज से बहिष्कृत करने का फतवा जारी किया है। मुफ्ती सुहैल अहम कुरैशी ने हालांकि कहा है कि उन्होंने आलम के खिलाफ यह फतवा व्यक्तिगत तौर पर जारी किया है, न कि इमरत-ए-शरिया की ओर से।
 
गौरतबल है कि आलम ने कहा था, "मैं न तो किसी फतवा की चिंता करता हूं और न ही इसे गंभीरता से लेता हूं. मैं इस तरह के फतवों से नहीं डरता..मैं एक सच्चा मुसलमान हूं और मेरी धार्मिक निष्ठा में कोई गड़बड़ी नहीं है." उन्होंने यहां तक कहा था, "अगर मुझे शांति और सौहार्द के लिए जरूरी लगा तो मैं फिर से जय श्री राम का नारा लगाऊंगा।"
 
इसके पहले रविवार को 1, अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बधाई देने पहुंचे अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने उनके सामने ही इस बयान पर विरोध जताया। विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी जहां लोगों को शांत करते दिखे, लेकिन वे मंत्री खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद से अपनी बात वापस लेने पर अड़े रहे। इसके बाद मुख्यमंत्री की सलाह पर मंत्री ने कहा कि उन्हें किसी प्रकार का कोई फतवा या नोटिस नहीं मिला है। इसके बावजूद किसी की भावना को ठेस पहुंची है, तो वे माफी मांगते हैं। इसके बाद लोगों को शांत किया जा सका।
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