मराठा आरक्षण मुद्दा, जालना के अंबड तालुका में कर्फ्यू
Maratha reservation issue of Maharashtra: कार्यकर्ता मनोज जरांगे द्वारा मराठा आरक्षण के लिए चलाए जा रहे आंदोलन के मद्देनजर कानून-व्यवस्था की स्थिति को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र के जालना जिले के अंबड तालुका में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
जालना के जिलाधिकारी श्रीकृष्ण पांचाल ने आदेश में कहा कि जरांगे ने रविवार को घोषणा की कि वह मुंबई जाएंगे और मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की अपनी मांग को लेकर आंदोलन करेंगे। इसमें कहा गया है कि ऐसी आशंका है कि लोग उन्हें (मुंबई जाने से) रोकने के लिए जालना के अंतरवाली सरती गांव में आ सकते हैं, जहां कार्यकर्ता भूख हड़ताल कर रहे हैं।
अगले आदेश तक रहेगा कर्फ्यू : आदेश में कहा गया है कि भारी भीड़ के कारण धुले-मुंबई राजमार्ग और आसपास के अन्य इलाकों पर यातायात प्रभावित होने की आशंका है। आदेश में कहा गया है कि कानून-व्यवस्था की स्थिति को ध्यान में रखते हुए सोमवार आधी रात से अगले आदेश तक अंबड तालुका में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
जिलाधिकारी ने कहा कि सरकारी कार्यालयों, स्कूलों, राष्ट्रीय राजमार्गों पर आवाजाही, दूध वितरण, मीडिया और अस्पतालों को इस आदेश से छूट दी गई है। जरांगे रविवार की रात अंतरवाली सरती से रवाना होकर पास के भांबेरी गांव पहुंचे। हालांकि, सोमवार सुबह प्रदर्शनकारी कार्यकर्ता अंतरवाली सरती लौट आए और चिकित्सा उपचार लेना शुरू कर दिया।
शिंदे फडणवीस की नहीं सुनें : मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने कहा है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की बात नहीं सुननी चाहिए और बताना चाहिए कि कुनबी मराठों के सगे संबंधियों पर अधिसूचना क्यों लागू नहीं की जा रही है।
जरांगे ने रविवार देर रात यह टिप्पणी तब की जब मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि कार्यकर्ता को उनकी सरकार के धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए। जरांगे ने रविवार को जालना जिले के अंतरवाली सरती गांव में आरोप लगाया कि फडणवीस उनकी हत्या करने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने यह भी घोषणा की कि वह मुंबई तक मार्च करेंगे और उपमुख्यमंत्री के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
जरांगे का सनसनीखेज दावा : उन्होंने यह भी दावा किया था कि उन्हें सेलाइन के जरिए जहर देने की कोशिश की गई थी, हालांकि उन्होंने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया। जरांगे बाद में अंतरवाली सरती से चले गए और मुंबई जाते समय छत्रपति संभाजीनगर के भांबेरी गांव में रुके। मुख्यमंत्री की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर जरांगे ने कहा कि मैंने इन्हें सुना नहीं है, लेकिन उन्हें बताना चाहिए कि (मराठों के) रिश्तेदारों के आरक्षण की अधिसूचना क्यों लागू नहीं की गई। (भाषा/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala