मनोज सिन्हा बोले- लिया जाएगा एक-एक कतरा खून का बदला, सत्यपाल मलिक ने कहा- मैं राज्यपाल था तो ऐसे हमले नहीं होते थे
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में नागरिकों को निशाना बनाए जाने की घटनाओं के बीच उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रविवार को संकल्प लिया कि निर्दोष नागरिकों के एक-एक कतरा खून का बदला आतंकवादियों और उनके हमदर्दों से लिया जाएगा। जम्मू-कश्मीर में गैर-कश्मीरी मजदूरों के आतंकियों द्वारा लगातार निशाना बनने के बाद इमरजेंसी एडवाइजरी के जारी किए जाने की खबरें सामने आई थीं।
सिन्हा ने कहा कि राज्य में शांति और सामाजिक-आर्थिक प्रगति तथा लोगों के व्यक्तिगत विकास को बाधित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश के तेजी से विकास के प्रति अपनी वचनबद्धता दोहराई। सिन्हा ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'अवाम की आवाज' में कहा कि मैं शहीद नागरिकों को अपनी हार्दिक श्रद्धांजलि देता हूं और शोक-संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। हम आतंकवादियों, उनके हमदर्दों को निशाना बनाएंगे और निर्दोष नागरिकों के खून की हर बूंद का बदला लेंगे।
50 किमी में नहीं होते थे हमले : मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने घाटी में गैर कश्मीरियों की हो रही हत्या को लेकर बड़ा बयान दिया है। मलिक ने कहा है कि जब वे जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे तो आतंकी घटनाएं नहीं होती थीं। श्रीनगर के 50 किलोमीटर के दायरे में आतंकवादी घुसने की हिम्मत नहीं होती थी।
जम्मू पुलिस ने कहा- फर्जी एडवायजरी : कश्मीर जोन पुलिस ने इमरजेंसी एडवाइजरी का दावा करने वाले पत्र को ट्वीट करते हुए कहा कि गैर-स्थानीय मजदूरों को पुलिस/सेना शिविरों में शिफ्ट करने के लिए जिला पुलिस अधिकारियों को आदेश देना फर्जी है।
पीटीआई ने जानकारी दी थी कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गैर-स्थानीय मजदूरों को पुलिस और सेना के कैंपों में जल्द लाने का आदेश दिया है। हालांकि देर रात कश्मीर पुलिस ने इस पत्र के बारे में कहा कि यह फर्जी है और ऐसा कोई भी आदेश नहीं दिया गया है।